क्या गुरुग्राम में नौकरी के नाम पर ठगी करने वाला गिरोह पकड़ा गया?

सारांश
Key Takeaways
- गुरुग्राम पुलिस ने फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया।
- चार आरोपी गिरफ्तार हुए हैं, जिनमें तीन युवतियाँ शामिल हैं।
- गिरोह ने युवाओं को नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठगी की।
- पुलिस ने 13 मोबाइल फोन बरामद किए हैं।
- महिला की शिकायत पर कार्रवाई की गई।
गुरुग्राम, 19 जून (राष्ट्र प्रेस)। गुरुग्राम पुलिस की साइबर क्राइम यूनिट ने एक फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया है। इस मामले में कॉल सेंटर के संचालक के साथ ही तीन युवतियों को भी गिरफ्तार किया गया है। आरोप है कि यह गिरोह युवकों और युवतियों को एयरपोर्ट पर नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठगी करता था। इस कार्रवाई में आरोपियों के पास से 13 मोबाइल फोन भी बरामद किए गए हैं, जिनका इस्तेमाल ठगी के लिए किया जा रहा था।
गुरुग्राम पुलिस के प्रवक्ता संदीप कुमार ने बताया कि 31 मार्च को एक महिला ने साइबर अपराध थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। महिला के मुताबिक, उसे एयरपोर्ट पर नौकरी दिलाने के लिए एक फोन कॉल आया था। कॉल करने वाले व्यक्ति ने ज्वॉइनिंग लेटर भेजकर विश्वास दिलाया और फिर ज्वॉइनिंग से पहले 60 हजार रुपए की मांग की। महिला ने बताए गए नंबर पर पैसे ट्रांसफर कर दिए। जब वह ज्वॉइनिंग के लिए एयरपोर्ट पहुंची, तब उसे ठगी का पता चला।
महिला की शिकायत के आधार पर कार्रवाई करते हुए गुरुग्राम पुलिस ने दिल्ली के लाल कुआं इलाके से चार आरोपियों को गिरफ्तार किया। इनकी पहचान राजू (निवासी मथुरा), सायमा बानो (निवासी सरिता विहार, दिल्ली), निहारिका उर्फ नीरज (निवासी जैतपुर, दिल्ली) और करिश्मा (निवासी हौज खास, दिल्ली) के रूप में हुई।
पुलिस पूछताछ में पता चला कि कॉल सेंटर का मास्टरमाइंड राजू पहले दवाइयों की बिक्री का काम करता था। वर्ष 2023 में वह इसी तरह की साइबर ठगी के मामले में गिरफ्तार हो चुका है। जेल से बाहर आने के बाद उसने फिर से फर्जी कॉल सेंटर शुरू किया।
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि राजू जेल से बाहर आने के बाद बेरोजगार हो गया था और उसने एक बार फिर एयरपोर्ट पर नौकरी दिलाने के बहाने साइबर फ्रॉड का काम शुरू किया, जिसके लिए उसने एक कॉल सेंटर बनाया।
आरोप है कि राजू ने तीनों युवतियों को कॉल सेंटर में 12-12 हजार रुपए सैलरी और ठगी की रकम में 2 प्रतिशत कमीशन देने के नाम पर रखा था। कॉल करने के लिए उन्हें कीपैड फोन और व्हाट्सएप मैसेज के लिए स्मार्टफोन दिए गए थे। एक महीने बाद फोन और सिम कार्ड बदल दिए जाते थे, ताकि ट्रैकिंग से बचा जा सके।
आरोप है कि युवतियां फोन कॉल के माध्यम से लोगों को एयरपोर्ट पर नौकरी का झांसा देती थीं। जब कोई उनके झांसे में आ जाता, तो उसे फर्जी ज्वॉइनिंग लेटर भेजा जाता था। अलग-अलग फॉर्मेलिटीज के नाम पर धीरे-धीरे पैसे ऐंठ लिए जाते थे। शुरुआत में 750 रुपए फीस ली जाती थी और बाद में कई किस्तों में बड़ी रकम वसूली जाती थी।
पुलिस ने तीनों युवतियों को अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। वहीं, कॉल सेंटर संचालक राजू को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है।