क्या गुरुग्राम में भारी बारिश के बाद जलभराव की समस्या गंभीर है?

सारांश
Key Takeaways
- गुरुग्राम में हालिया बारिश से जलभराव की समस्या उत्पन्न हुई।
- विद्यालयों में ऑनलाइन कक्षाएं आयोजित की जा रही हैं।
- वर्क फ्रॉम होम लागू किया गया है।
- मुख्य मार्गों पर जाम की स्थिति बनी हुई है।
- स्थानीय नागरिक प्रशासन पर सवाल उठा रहे हैं।
गुरुग्राम, 2 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। साइबर सिटी गुरुग्राम में सोमवार को हुई भारी बारिश के परिणामस्वरूप मंगलवार को जलभराव की समस्या उत्पन्न हुई। इस बारिश के बाद शहर के कई क्षेत्रों में जलभराव ने जनजीवन को गंभीर रूप से प्रभावित किया।
गुरुग्राम के सेक्टर-10 क्षेत्र की सड़कों पर मंगलवार सुबह जलभराव हो गया, जिसके कारण लोग अपने घरों में फंसने के लिए मजबूर हो गए। इतना ही नहीं, जलभराव के कारण सड़क पर चलने वाले वाहनों को भी कठिनाई का सामना करना पड़ा।
जिला प्रशासन ने इस स्थिति को देखते हुए विद्यालयों में ऑनलाइन कक्षाएं आयोजित करने का आदेश दिया है। साथ ही, कॉर्पोरेट कार्यालयों और अन्य निजी संस्थानों को अपने कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा देने के निर्देश दिए गए हैं ताकि सड़क पर यातायात की भीड़ से बचा जा सके।
सूत्रों के अनुसार, शहर में जलभराव के कारण कई प्रमुख मार्गों पर जाम की स्थिति बनी हुई है। गुरुग्राम ट्रैफिक पुलिस और नगर निगम की टीमें जल निकासी के लिए कार्यरत हैं, लेकिन अपर्याप्त ड्रेनेज सिस्टम और नालों की समय पर सफाई न होने के कारण समस्या अभी भी बनी हुई है।
इस बीच, स्थानीय नागरिक सोशल मीडिया पर जलभराव की तस्वीरें और वीडियो साझा करते हुए प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं।
गौरतलब है कि सोमवार को दिल्ली-एनसीआर में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हुई, जिससे तापमान में तेजी से गिरावट आई। गुरुग्राम में बारिश के चलते कई किलोमीटर तक लंबा जाम लग गया।
कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने सोमवार को जलभराव और नाले की समस्याओं को लेकर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी पर निशाना साधा। उन्होंने जाम का वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "2 घंटे की बारिश- 20 किमी का गुरुग्राम जाम। मुख्यमंत्री नायब सैनी केवल 'राज्य हेलीकॉप्टर' में उड़ते हैं और सड़कों पर नहीं चलते, यह गुरुग्राम के हाइवे का 'हेलीकॉप्टर शॉट' है। बारिश की तैयारी और नालों, सीवेज और ट्रैफिक जाम को कम करने के लिए खर्च किए गए करोड़ों रुपए का यही हाल है। यह भाजपा का 'ट्रिपल इंजन मॉडल' है।"