क्या हमास सरेंडर कर बंधकों को रिहा करेगा और गाजा युद्ध खत्म होगा?

सारांश
Key Takeaways
- हमास का सरेंडर गाजा युद्ध का अंत कर सकता है।
- इजरायली विदेश मंत्री ने फिलिस्तीन की स्वतंत्रता का विरोध किया।
- दोनों देशों के बीच मानवीय सहायता पर चर्चा हुई।
- यूरोप में इजरायल विरोधी भावना बढ़ रही है।
- सार ने ईयू के साथ सहयोग की बात की।
यरूशलम, 7 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। इजरायली विदेश मंत्री गिदोन सार ने कहा है कि यदि हमास आत्मसमर्पण कर सभी बंधकों को रिहा करता है, तो गाजा युद्ध समाप्त हो जाएगा। उन्होंने यह बयान यरूशलम में अपने डेनिश समकक्ष के साथ बातचीत के बाद आयोजित एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिया।
यह बयान हमास द्वारा अपनी पूर्व स्थिति को दोहराने के एक दिन बाद आया, जिसमें उसने कहा कि यदि इजरायल आक्रमण रोकने और गाजा से अपनी सेना वापस बुलाने पर सहमत होता है, तो वह सभी बंधकों को रिहा कर देगा। सार ने फिलिस्तीन को एक स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता देने के निर्णय का भी विरोध किया।
सार ने कहा, "जो देश फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना का समर्थन करते हैं, वे उन तथ्यों की अनदेखी करते हैं जो दर्शाते हैं कि फिलिस्तीनी अथॉरिटी एक राज्य के लायक नहीं है। यहूदियों, इजरायल और आतंकवाद के खिलाफ उकसावे के मुद्दों से अलग हुए बिना, एक विश्वसनीय शांति प्रक्रिया का निर्माण संभव नहीं होगा।"
मानवीय सहायता सामग्री पहुंचाने को लेकर भी दोनों के बीच विस्तृत चर्चा हुई। हालांकि, विदेश मंत्री गिदोन सार और डेनमार्क के विदेश मंत्री लार्स लोके रासमुसेन के बीच कुछ मतभेद भी प्रकट हुए। दोनों ने मानवीय स्थिति को लेकर परस्पर विरोधी व्याख्याएं प्रस्तुत कीं और बीमारों को क्षेत्र से बाहर स्थानांतरित करने के मुद्दे पर भिन्न मत रखा।
द टाइम्स ऑफ इजरायल के अनुसार, गाजा में मानवीय स्थिति पर बात करते हुए, सार ने कहा, "जमीनी स्तर पर एक बड़ा बदलाव आया है।"
जुलाई में ब्रुसेल्स में सहायता प्रवाह बढ़ाने की आवश्यकता पर हुए समझौतों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, "यह ऐसी बात नहीं है जो आपको पश्चिमी मीडिया में मिले, लेकिन तथ्य यह है कि हमने इस मामले पर ईयू (यूरोपीय संघ) के साथ जो भी वादा किया था, उसे पूरा किया है।"
सार ने कहा, "हमने एक मानवीय मुद्दे पर सहयोग स्थापित करने के लिए एक संयुक्त टीम बनाने का निर्णय लिया है, ताकि यह देखा जा सके कि हम गाजा से लोगों की चिकित्सा निकासी के अलावा, अन्य मुद्दों पर भी मिलकर क्या कर सकते हैं।"
यूरोपीय संघ को निशाना बनाते हुए उन्होंने आगे कहा, "आज यूरोप में इजरायल विरोधी जुनून की लहर है। यूरोप सुरक्षा और रणनीतिक चुनौतियों का सामना कर रहा है। मेरा मानना है कि यूरोप को इजरायल की उतनी ही आवश्यकता है, जितनी इजरायल को यूरोप की। एक रचनात्मक बातचीत धमकियों और प्रतिबंधों पर आधारित नहीं हो सकती।"
हालांकि, रासमुसेन ने इस पर थोड़े भिन्न विचार व्यक्त किए। डेनमार्क के विदेश मंत्री और पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, "यदि आप गाजा से पूर्वी यरुशलम में मरीजों को ले जाने की अनुमति देते, तो यह निश्चित रूप से बहुत आसान होता, लेकिन मैं आपको ऐसा करने के लिए मजबूर नहीं कर सकता, भले ही इससे कई लोगों की जान बच सकती है।"
रासमुसेन ने कहा कि जुलाई में यूरोपीय संघ के साथ बातचीत से सुधार हुआ है, लेकिन डेनमार्क अभी भी "गाजा में मानवीय आपदा को लेकर बेहद चिंतित है।"