क्या हंसराज अहीर ने विपक्ष को एसआईआर मुद्दे पर घेरा है?
सारांश
Key Takeaways
- एसआईआर देश की सुरक्षा के लिए आवश्यक है।
- विपक्ष द्वारा एसआईआर को गलत तरीके से प्रस्तुत किया जा रहा है।
- सरकार का कर्तव्य है कि वह घुसपैठियों की पहचान करे।
- राजनीतिक हितों को राष्ट्रीय सुरक्षा से अलग रखना चाहिए।
- घुसपैठ की समस्या को गंभीरता से लेना चाहिए।
नई दिल्ली, 1 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बीजेपी के प्रमुख नेता और राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (एनसीबीसी) के अध्यक्ष हंसराज अहीर ने एसआईआर मुद्दे पर विपक्ष को कठोर शब्दों में घेरा। उन्होंने स्पष्ट किया कि विपक्ष एसआईआर को गलत तरीके से प्रस्तुत कर रहा है। उनका कहना है कि एसआईआर किसी पार्टी का राजनीतिक एजेंडा नहीं है, बल्कि यह देश की सुरक्षा और राष्ट्रीय हित के लिए एक आवश्यक कदम है, जो घुसपैठियों की पहचान और उन पर कार्रवाई सुनिश्चित करता है।
विपक्ष द्वारा एसआईआर पर चर्चा की मांग को लेकर उन्होंने कहा कि यह कहना गलत है कि सरकार एसआईआर को राजनीतिक लाभ के लिए लागू कर रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह प्रक्रिया किसी पार्टी के लिए नहीं, बल्कि देश के लिए है। यदि घुसपैठिए देश में आकर सुरक्षा के लिए खतरा बने हुए हैं, तो सरकार का कर्तव्य है कि वह उनकी पहचान करे और उचित कार्रवाई करे।
अहीर ने पाकिस्तान के एक पुराने बयान का उल्लेख करते हुए कहा कि लगभग 30 वर्ष पूर्व पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा था कि भविष्य में भारत से लड़ने के लिए उन्हें सेना की आवश्यकता नहीं पड़ेगी, क्योंकि उनके लोग भारत में घुसपैठ कर चुके होंगे। यह एक गंभीर स्थिति है और देश में घुसपैठ को रोकने की आवश्यकता को रेखांकित करता है।
उन्होंने कहा कि यदि वर्तमान सरकार एसआईआर जैसे कदम उठाकर घुसपैठियों की पहचान और उन्हें हटाने का प्रयास कर रही है, तो विपक्ष को ये विचार करना चाहिए कि वे देश के हित में काम कर रहे हैं या इसके खिलाफ। उन्होंने दोहराया कि एसआईआर देश के हित में है और इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।
सौगत रॉय द्वारा यह दावा किए जाने पर कि एसआईआर के डर से 40 से अधिक लोग मर चुके हैं, अहीर ने कहा कि विपक्ष इस तरह की बातें बढ़ा-चढ़ाकर बता रहा है और वास्तविकता से दूर जा रहा है। उन्होंने कहा कि एसआईआर एक नियमन प्रक्रिया है, जिसका उद्देश्य डराना नहीं बल्कि देश की सुरक्षा को मजबूत करना है।
जहां तक संसद में चर्चा की बात है, उन्होंने कहा कि यह तय करना स्पीकर का काम है कि किन मुद्दों पर चर्चा होगी और किन पर नहीं। लेकिन उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मुद्दों पर राजनीति नहीं होनी चाहिए, क्योंकि देश की सुरक्षा सर्वोपरि है और सरकार इसी दिशा में काम कर रही है।