क्या राजस्थान में कांग्रेस-बीजेपी का बारी-बारी से सत्ता में आने का खेल अब खत्म होगा? : हनुमान बेनीवाल

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क्या राजस्थान में कांग्रेस-बीजेपी का बारी-बारी से सत्ता में आने का खेल अब खत्म होगा? : हनुमान बेनीवाल

सारांश

हनुमान बेनीवाल ने राजस्थान में सत्ता की बारी-बारी से आने की प्रथा को समाप्त करने का संकल्प लिया है। उन्होंने कांग्रेस और बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए हैं और आगामी चुनावों में आरएलपी की भूमिका को स्पष्ट किया है। जानिए इस संघर्ष के पीछे की कहानी और बेनीवाल का दृष्टिकोण।

Key Takeaways

  • हनुमान बेनीवाल ने सत्ता के बारी-बारी से आने के खेल को समाप्त करने का संकल्प लिया।
  • उन्होंने 2021 की सब-इंस्पेक्टर भर्ती को रद्द करने का श्रेय अपने संघर्ष को दिया।
  • आगामी 2028 विधानसभा चुनाव में आरएलपी की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
  • युवाओं और किसानों के मुद्दों पर उनकी पार्टी की प्रतिबद्धता।
  • कांग्रेस और बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

जोधपुर, 2 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। नागौर के सांसद और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के प्रमुख हनुमान बेनीवाल ने मंगलवार को 2021 की सब-इंस्पेक्टर (एसआई) भर्ती रद्द होने का श्रेय अपने सड़क संघर्ष को दिया। इस अवसर पर उन्होंने भाजपा और कांग्रेस पर तीखा प्रहार किया।

बेनीवाल ने बाड़मेर में सभा के बाद जोधपुर के सर्किट हाउस में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों दोनों को उन्होंने जमकर लताड़ा। उन्होंने कहा कि 2021 की सब-इंस्पेक्टर (एसआई) भर्ती रद्द होने का श्रेय उनके सड़क संघर्ष को है। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और राजस्थान के मंत्री जोगाराम पटेल पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, "दोनों नेताओं ने लगातार भर्ती रद्द न होने का दावा किया, जबकि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इसकी पुष्टि की थी।" यह, उनकी अज्ञानता को दर्शाता है।

बेनीवाल ने राजस्थान में लगातार जनसभाएं करने और महत्वपूर्ण मुद्दों पर जनता के बीच जाने की बात की। उन्होंने कहा, "राजस्थान में केवल आरएलपी ही जनता के लिए संघर्ष कर रही है। मैं जनसभाओं के जरिए जनता के बीच जा रहा हूं। राजस्थान को बचाने के लिए यह संघर्ष आवश्यक है और कांग्रेस-बीजेपी का बारी-बारी से सत्ता में आने का खेल अब खत्म होगा।" उन्होंने दिल्ली में अग्निवीर योजना के खिलाफ बड़े आंदोलन की घोषणा भी की।

उन्होंने कांग्रेस के नेताओं सचिन पायलट और अशोक गहलोत पर भी निशाना साधा और आरोप लगाया कि उन्होंने जांच एजेंसियों के डर से भजनलाल शर्मा को चार सीटें 'गिफ्ट' में दीं। यह विपक्ष की कमजोरी को दर्शाता है।

बेनीवाल ने 2028 के विधानसभा चुनाव को 'अलग तरह का रण' बताते हुए कहा कि आरएलपी अन्य पार्टियों के साथ गठबंधन कर पूरी ताकत से चुनाव लड़ेगी।

उन्होंने युवाओं और किसानों के मुद्दों को उठाने की प्रतिबद्धता दोहराई और कहा कि उनकी पार्टी राजस्थान में पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए संघर्ष जारी रखेगी।

Point of View

यह स्पष्ट है कि हनुमान बेनीवाल का यह बयान राजनीति में एक नया मोड़ ला सकता है। राजस्थान में कांग्रेस और बीजेपी की बारी-बारी से सत्ता में आने की प्रथा को चुनौती देना एक साहसिक कदम है। क्या यह राजनीतिक Landscape को बदल सकेगा? यह देखना दिलचस्प होगा।
NationPress
02/09/2025

Frequently Asked Questions

हनुमान बेनीवाल कौन हैं?
हनुमान बेनीवाल नागौर के सांसद और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के प्रमुख हैं।
2021 की सब-इंस्पेक्टर भर्ती क्यों रद्द हुई?
हनुमान बेनीवाल के अनुसार, यह उनकी सड़क संघर्ष के कारण हुआ है।
क्या आरएलपी अगले विधानसभा चुनाव में भाग लेगी?
जी हां, बेनीवाल ने कहा है कि आरएलपी अन्य पार्टियों के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ेगी।
कांग्रेस और बीजेपी पर बेनीवाल के आरोप क्या हैं?
उन्होंने कहा कि दोनों दलों ने अपनी अज्ञानता के कारण भर्ती प्रक्रिया को प्रभावित किया है।
बेनीवाल का आंदोलन किस मुद्दे पर है?
उनका आंदोलन युवाओं और किसानों के मुद्दों पर केंद्रित है।