क्या उत्तर प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है? रामभद्राचार्य का बयान उनके निजी विचार: हरेंद्र मलिक

सारांश
Key Takeaways
- उत्तर प्रदेश का सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व
- संविधान में विश्वास और धर्मनिरपेक्षता
- राजनीतिक बयानबाजी का सामाजिक प्रभाव
- सामाजिक सौहार्द का महत्व
- राजनीति में सम्मान की नीति
मुजफ्फरनगर, १३ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के मेरठ में कथा के दौरान जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने इस क्षेत्र को "मिनी पाकिस्तान" के समान बताया है। इस बयान पर सपा सांसद हरेंद्र मलिक ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उनका कहना है कि यह रामभद्राचार्य का निजी मत हो सकता है, लेकिन इस क्षेत्र के निवासी इसे भारत का अभिन्न अंग मानते हैं।
उन्होंने कहा, "हम यहीं जन्मे हैं, यहीं बसे हैं। यह भारत का हिस्सा है और यहाँ के सभी लोग भारतीय हैं, हिंदुस्तानी हैं, इंडियन हैं।"
हरेंद्र मलिक ने बागेश्वर महाराज के "हिंदुस्तान को हिंदू राष्ट्र बनाने" के बयान पर भी असहमति जताई। उन्होंने कहा, "हम संविधान में विश्वास करते हैं। संविधान के खिलाफ कही गई किसी भी बात का न तो समर्थन करते हैं, न स्वीकार करते हैं।"
उन्होंने भारत को एक संवैधानिक और धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र बताया और कहा कि इतिहास गवाह है कि हिंदू-मुसलमान यहाँ भाईचारे के साथ रहते हैं। ऐसे बयानों को दुखद बताते हुए उन्होंने सरकार से अपील की कि इसे गंभीरता से लिया जाए ताकि सामाजिक सौहार्द न बिगड़े।
हरेंद्र मलिक ने यह भी आशंका व्यक्त की कि ऐसे बयान राजनीतिक साजिश का हिस्सा हो सकते हैं। उनका कहना था, "चुनाव के नजदीक आते ही ऐसी बातें शुरू हो जाती हैं, जिनका उद्देश्य हिंदू-मुस्लिम दंगे भड़काना हो सकता है। कुछ लोग जानबूझकर ऐसी टिप्पणियाँ करते हैं, जिससे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सरकार की छवि खराब हो।" उन्होंने जोड़ा कि पश्चिम उत्तर प्रदेश में दबाव की राजनीति नहीं, बल्कि सम्मान की राजनीति चलती है।
राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बीच जिला पंचायत चुनाव में अलग-अलग लड़ने के मुद्दे पर हरेंद्र मलिक ने इसे दोनों दलों का आंतरिक मामला बताते हुए टिप्पणी करने से मना किया।
नेपाल में हाल के तख्तापलट पर हरेंद्र मलिक ने कहा कि वह किसी तख्तापलट का समर्थन नहीं करते, लेकिन नेपाल की जनता ने अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाई है, जो सभी देशों के लिए एक सबक है। उन्होंने भारत सरकार को चेतावनी दी कि नागरिकों पर अत्यधिक दबाव नहीं डालना चाहिए, वरना लोग सड़कों पर उतर सकते हैं।
हरेंद्र मलिक ने कहा, "हम प्रार्थना करते हैं कि भारत में ऐसी स्थिति न आए। दंगों से हमेशा देश का नुकसान हुआ है। सरकार को लोगों के संवैधानिक अधिकारों का हनन नहीं करना चाहिए।"