क्या हर्षवर्धन श्रृंगला को राज्यसभा में मनोनीत होने पर पीएम मोदी ने बड़ी जिम्मेदारी सौंपी?

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क्या हर्षवर्धन श्रृंगला को राज्यसभा में मनोनीत होने पर पीएम मोदी ने बड़ी जिम्मेदारी सौंपी?

सारांश

राज्यसभा में मनोनीत होने पर हर्षवर्धन श्रृंगला ने पीएम मोदी की सराहना की और देश की सेवा के प्रति अपने संकल्प को दोहराया। यह यात्रा भारत की विदेश नीति और राहुल गांधी के विदेश दौरे पर भी चर्चा करती है। जानें क्या कहना है श्रृंगला का इस बारे में।

Key Takeaways

  • हर्षवर्धन श्रृंगला की मनोनीति एक नई जिम्मेदारी है।
  • जनता के मुद्दों को संसद में उठाने का संकल्प।
  • भारत की विदेश नीति में बदलाव का उल्लेख।
  • राहुल गांधी की विदेश यात्रा पर आलोचना।
  • देश की एकता और सामूहिकता का महत्व।

नई दिल्ली, १३ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा राज्यसभा के लिए मनोनीत किए जाने पर भारत के पूर्व विदेश सचिव और वरिष्ठ राजनयिक हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि पीएम मोदी ने मुझे एक बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है।

राष्ट्र प्रेस से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि मैं जनता के हित से जुड़े मुद्दों को संसद में उठाने का प्रयास करूंगा। मैं पीएम मोदी का आभार व्यक्त करना चाहता हूं कि उन्होंने मुझे यह जिम्मेदारी सौंपी है। सेवा के बाद मैंने हमेशा जनता के हित में काम करने का संकल्प लिया था। अब मैं संसद में उनके मुद्दों पर चर्चा करूंगा। राष्ट्रपति मुर्मू और पीएम मोदी का आभार कि उन्होंने मेरे बारे में इस जिम्मेदारी के लिए सोचा। मैं देश के हित में काम करता रहूंगा।

उन्होंने बताया कि उन्हें मनोनीत होने की सूचना सबसे पहले राजपत्र अधिसूचना के माध्यम से मिली और पीएम मोदी ने खुद उन्हें फोन करके बताया कि कुछ विशेष योजना बनाई जा रही है। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि मुझे किस प्रकार की सेवा का अवसर दिया जाएगा, लेकिन यह बात मेरे लिए महत्वपूर्ण है। पीएम मोदी ने समय निकालकर मुझे फोन किया, यह मेरे लिए गर्व की बात है। यह पल मैं कभी नहीं भूल सकता।

पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत की विदेश नीति पर उन्होंने कहा कि यदि हम आज भारत को अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण से देखें, तो दस साल पहले की तुलना में अब दुनिया भारत को जिस नजरिए से देखती है, उसमें एक महत्वपूर्ण बदलाव आया है। आज, वैश्विक नेता और जनता दोनों भारत को एक तकनीकी नेता और उभरती आर्थिक शक्ति के रूप में मानते हैं।

कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के विदेश दौरे पर उन्होंने कहा कि विदेश यात्रा करना एक बात है, लेकिन अपने ही देश के खिलाफ बोलना दूसरी बात है। लोग इससे नाखुश हैं। विदेशी भूमि पर भारत की उपलब्धियों की बजाय आलोचना करना ठीक नहीं है। ऑल पार्टी डेलिगेशन में हमने देखा कि सभी सांसद, चाहे वे सत्ता पक्ष के हों या विपक्ष के, भारत की बात कर रहे थे। यह दर्शाता है कि भारत में एकता है। जब कोई चुनौती आती है, तब हम सभी एकजुट होते हैं। हाल ही में आतंकी हमलों के बाद हमने देखा कि सभी ने भारत की एकता का प्रदर्शन किया।

राहुल गांधी की ओर से ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा करने की मांग पर उन्होंने कहा कि भारत ने पाकिस्तान को घुटने पर ला दिया है। हमारी सेना ने उनके आतंकी ठिकानों को नष्ट किया। पाकिस्तान ने सीजफायर की मांग की, जिसके बाद यह लागू हुआ। ऑपरेशन सिंदूर में हमने सफलता प्राप्त की और पाकिस्तान को भारी नुकसान हुआ। विपक्ष को उन्होंने सलाह दी कि जब ऐसे मुद्दे हों, तो देश और केंद्र सरकार के साथ खड़ा रहना चाहिए, न कि पुरानी या वर्तमान विदेश नीति की तुलना करनी चाहिए। वर्तमान विदेश नीति बहुत प्रभावी है।

Point of View

बल्कि राष्ट्रीय हित के लिए भी है। उनका दृष्टिकोण और अनुभव भारतीय विदेश नीति और संसद में महत्वपूर्ण योगदान देने में सहायक होगा।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

हर्षवर्धन श्रृंगला की मनोनीति का महत्व क्या है?
हर्षवर्धन श्रृंगला की मनोनीति भारतीय विदेश नीति को मजबूत करने और जनता के मुद्दों को संसद में उठाने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।
पीएम मोदी का फोन हर्षवर्धन श्रृंगला के लिए क्यों खास था?
पीएम मोदी का फोन हर्षवर्धन श्रृंगला के लिए गर्व की बात थी क्योंकि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से उन्हें बताया कि उन्हें एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है।
राहुल गांधी के विदेश दौरे पर हर्षवर्धन श्रृंगला का क्या कहना है?
हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि विदेश यात्रा करना एक बात है, लेकिन अपने देश के खिलाफ बोलना उचित नहीं है।