क्या हरियाणा आईपीएस आत्महत्या जैसी घटनाएं लोकतांत्रिक ढांचे के लिए चिंता का विषय हैं?

सारांश
Key Takeaways
- आईपीएस अधिकारी की आत्महत्या ने समाज में जातिगत भेदभाव को उजागर किया।
- संजय राउत और राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर गहन विचार व्यक्त किए।
- यह घटना लोकतांत्रिक ढांचे के लिए गंभीर चिंता का विषय है।
- संस्थागत प्रभाव और जातिगत भेदभाव पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
- इस प्रकार की घटनाओं से निपटने के लिए नीति परिवर्तन की आवश्यकता है।
मुंबई, 10 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने हरियाणा के एक आईपीएस अधिकारी द्वारा आत्महत्या के बाद उठे विवाद पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि आरएसएस और भाजपा की विचारधारा धीरे-धीरे व्यवस्था में गहराई तक पैठ बना रही है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि ऐसी मानसिकता केवल राजनीति तक सीमित नहीं है, बल्कि सेना और पुलिस जैसी संस्थाओं में भी देखने को मिल रही है। उनका कहना है कि इस प्रकार की घटनाएं लोकतांत्रिक ढांचे के लिए चिंता का विषय हैं और यह दर्शाती हैं कि कैसे निष्पक्ष संस्थाएं एक विशेष विचारधारा से प्रभावित हो रही हैं। शिवसेना नेता ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की टिप्पणियों का समर्थन किया और कहा कि संस्थागत प्रभाव के बारे में उनकी बातें सही हैं।
गौरतलब है कि कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भाजपा और आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा था कि हरियाणा के आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या उस गहराते सामाजिक जहर का प्रतीक है जो जाति के नाम पर इंसानियत को कुचल रहा है। जब एक आईपीएस अधिकारी को उसकी जाति के कारण अपमान और अत्याचार सहने पड़ते हैं, तो आम दलित नागरिक किस हालात में जी रहा होगा, इस पर विचार करें।
उन्होंने आगे कहा, "रायबरेली में हरिओम वाल्मीकि की हत्या, सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का अपमान और अब पूरन की मृत्यु, ये घटनाएं बताती हैं कि वंचित वर्ग के खिलाफ अन्याय अपनी चरम सीमा पर है। भाजपा-आरएसएस की नफरत और मनुवादी सोच ने समाज को विष से भर दिया है। दलित, आदिवासी, पिछड़े और मुस्लिम आज न्याय की उम्मीद खोते जा रहे हैं। यह संघर्ष केवल पूरन का नहीं, बल्कि हर उस भारतीय का है जो संविधान, समानता और न्याय में विश्वास रखता है।"
यह भी जानकारी प्राप्त हुई है कि हरियाणा के आईपीएस वाई पूरन कुमार ने 7 अक्टूबर को चंडीगढ़ सेक्टर-11 स्थित अपने आवास पर खुद को गोली मारकर जान दी। घटना के समय उनकी पत्नी अमनीत पी कुमार घर पर मौजूद नहीं थीं। वह हरियाणा कैडर की आईएएस अधिकारी हैं और इस समय प्रदेश के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के साथ जापान दौरे पर थीं। वह वर्तमान में विदेश सहयोग विभाग की आयुक्त एवं सचिव के पद पर तैनात हैं।
जानकारी के अनुसार, पुलिस को सूचना मिली कि सेक्टर-11 में स्थित सरकारी आवास में वाई पूरण कुमार ने आत्महत्या कर ली है।