क्या हरियाणा मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों ने सीएम सैनी से मुलाकात की?

सारांश
Key Takeaways
- हरियाणा मानव अधिकार आयोग ने 5,542 मामलों की सुनवाई की है।
- आयोग ने एनएचआरसी के स्थापना दिवस पर हरियाणा मॉडल की सराहना की।
- राज्य सरकार मानवाधिकारों की सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।
चंडीगढ़, 18 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। शनिवार को हरियाणा मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति ललित बत्रा और सदस्यों कुलदीप जैन तथा दीप भाटिया ने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से उनके आवास पर मुलाकात की।
इस दौरान आयोग ने मुख्यमंत्री को वार्षिक रिपोर्ट 2024-25 की प्रति सौंपी और राज्य में मानवाधिकारों की सुरक्षा से जुड़े अपने कार्यों और उपलब्धियों की जानकारी साझा की।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आयोग की कार्यप्रणाली की प्रशंसा करते हुए कहा कि ऐसे निर्णयों को लागू होना चाहिए, जो आम जनता को न्याय और सम्मान दिला सकें। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार मानवाधिकारों की सुरक्षा के प्रति हमेशा प्रतिबद्ध रही है और आयोग के सुझावों पर गंभीरता से अमल किया जाएगा।
बैठक के दौरान आयोग ने पिछले वर्ष की गतिविधियों का विवरण प्रस्तुत किया। बताया गया कि अब तक आयोग में 5,542 मामलों की सुनवाई की जा चुकी है, जिनमें से 4,638 मामलों का निपटारा किया जा चुका है, जबकि 904 मामले अभी लंबित हैं। आयोग ने यह भी बताया कि वह हर महीने राज्य की एक जेल और सामाजिक संस्थान का निरीक्षण करता है ताकि कैदियों और समाज के वंचित वर्गों के मानवाधिकारों की स्थिति की निगरानी की जा सके।
आयोग ने मुख्यमंत्री को सूचित किया कि हाल ही में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी) के 32वें स्थापना दिवस समारोह में हरियाणा मॉडल की विशेष रूप से सराहना की गई। हरियाणा मानव अधिकार आयोग के कार्यों और पारदर्शिता को दूसरे राज्यों के लिए एक आदर्श मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया गया।
मुख्यमंत्री ने इस उपलब्धि पर आयोग को बधाई देते हुए कहा कि हरियाणा सरकार और आयोग मिलकर राज्य में मानवाधिकारों की सुरक्षा को और मजबूत बनाएंगे। उन्होंने कहा कि आयोग के कार्य न केवल समाज में जागरूकता बढ़ा रहे हैं, बल्कि पीड़ितों को त्वरित न्याय दिलाने में भी सहायक साबित हो रहे हैं।
बैठक के अंत में मुख्यमंत्री और आयोग के सदस्यों ने एक दूसरे को दीपावली की शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री ने सभी को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह त्योहार समाज में समानता, सम्मान और सद्भाव का संदेश लेकर आता है।