क्या हरियाणा विधानसभा स्पीकर ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया और किसानों को मुआवजे का आश्वासन दिया?

सारांश
Key Takeaways
- हरियाणा विधानसभा स्पीकर ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया।
- किसानों को मुआवजे का आश्वासन दिया गया।
- क्षतिपूर्ति पोर्टल पर आवेदन करने की प्रक्रिया।
- सरकार ने राहत कार्यों के लिए अन्य राज्यों को सहायता प्रदान की।
- प्राकृतिक आपदा में एकजुटता की आवश्यकता।
करनाल, ६ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। हरियाणा विधानसभा स्पीकर हरविंदर कल्याण ने करनाल में यमुना नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण हुए फसलों के नुकसान का मूल्यांकन करने के लिए पूर्व सरपंचों के साथ एक बैठक की। उन्होंने किसानों को उचित मुआवजे का आश्वासन भी दिया।
हरियाणा में यमुना से सटे क्षेत्रों में २०० से २५० एकड़ में किसानों की धान और गन्ने की फसल को नुकसान पहुँचा है। कल्याण ने कहा कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने प्रभावित किसानों को मुआवजा देने की घोषणा की है। किसानों को क्षतिपूर्ति पोर्टल पर अपने नुकसान का विवरण दर्ज करना होगा, जिसके आधार पर उन्हें पूरा मुआवजा प्रदान किया जाएगा।
स्पीकर ने कहा, "पूरे देश में भारी बारिश और बाढ़ ने तबाही मचाई है। कई लोगों ने अपनी जान गंवाई, पशुधन और चारे को भी भारी नुकसान हुआ। इस संकट की घड़ी में पीड़ितों की हरसंभव मदद की जाए।"
कल्याण ने उन सामाजिक संस्थाओं की सराहना की, जो सरकार के साथ मिलकर राहत कार्यों में जुटी हैं। उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार ने पंजाब और हिमाचल प्रदेश को ५ करोड़ रुपए की सहायता राशि प्रदान की है। उन्होंने मुख्यमंत्री के इस कदम की प्रशंसा करते हुए कहा कि प्राकृतिक आपदा में सभी को एकजुट होकर पीड़ितों की मदद करनी चाहिए।
कल्याण ने घरौंडा और इंद्री क्षेत्र में यमुना तट के पास फसलों को हुए नुकसान पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि यमुना, टांगरी और घग्घर जैसी नदियों के बढ़ते जलस्तर से कई जिलों में जलभराव की समस्या हुई। हालांकि, दो साल पहले यमुना में आई बाढ़ के बाद तटबंधों को मजबूत करने का कार्य किया गया, जिसके कारण इस बार बड़े पैमाने पर बाढ़ की स्थिति से बचा जा सका। फिर भी, तटबंधों के भीतर खेतों में खड़ी फसलों को नुकसान हुआ है।
उन्होंने आश्वस्त किया कि सरकार किसानों के साथ है। प्रभावित किसान क्षतिपूर्ति पोर्टल पर अपनी फसलों के नुकसान का विवरण दर्ज करवाएं, ताकि उन्हें जल्द से जल्द मुआवजा मिल सके।