क्या हजारीबाग में नवजात और मौसी की सड़क दुर्घटना ने दिल दहला दिया?

सारांश
Key Takeaways
- हजारीबाग में सड़क सुरक्षा की समस्याएं हैं।
- स्थानीय लोगों ने प्रशासन पर आरोप लगाए हैं।
- घटना ने पूरे समुदाय को प्रभावित किया है।
- बच्चे के पिता की स्थिति गंभीर है।
- जाम के दौरान प्रशासन ने हस्तक्षेप किया।
हजारीबाग, 20 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के हजारीबाग जिले में रांची-पटना नेशनल हाईवे पर बुधवार को एक भयानक सड़क दुर्घटना में 12 घंटे के एक नवजात शिशु और उसकी मौसी पूनम देवी की जान चली गई। बच्चे के पिता गंभीर रूप से घायल हैं और उन्हें शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, पूनम देवी की बहन ने मंगलवार को बच्चे को जन्म दिया था, और उसकी तबीयत खराब थी। बच्चे के पिता अनिल महतो अपनी पत्नी की बहन के साथ नवजात को उपचार के लिए हजारीबाग के चिकित्सक के पास ले जा रहे थे। इसी दौरान, एनएच पर सिरसी गांव के निकट एक भारी वाहन ने उनकी बाइक को जोरदार टक्कर मार दी। नवजात और उसकी मौसी ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। अनिल महतो गंभीर रूप से घायल हो गए।
घटना की सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में लोग जमा हो गए। उन्होंने शवों को सड़क पर रखकर हाईवे को जाम कर दिया। इससे रांची-पटना नेशनल हाईवे पर वाहनों की लंबी कतार लग गई और आवागमन पूरी तरह से बाधित हो गया। सड़क दुर्घटना और जाम की खबर सुनकर इचाक अंचल के सीओ रामजी प्रसाद गुप्ता और थाना प्रभारी राजदीप पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया।
ग्रामीणों ने दुर्घटना के लिए जिम्मेदार वाहन चालक को पकड़कर उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई और मृतकों के परिजनों के लिए मुआवजे की मांग की। जाम लगभग तीन घंटे तक जारी रहा।
अंत में, प्रशासन के अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद लोगों ने जाम हटाया। इसके बाद दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए हजारीबाग स्थित शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेजा गया।
मृतकों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि हजारीबाग में नगवां टोल प्लाजा के पास अक्सर सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। यहां हाईवे पर गाड़ियां बेतरतीब तरीके से सड़क और चौराहे पर खड़ी रहती हैं, लेकिन प्रशासन हमेशा लापरवाह बना रहता है।