क्या हजरतबल दरगाह में राष्ट्रीय चिन्ह का अपमान गंभीर मुद्दा है?

सारांश
Key Takeaways
- हजरतबल दरगाह में अशोक स्तंभ को तोड़ना एक गंभीर मुद्दा है।
- भाजपा प्रवक्ता ने राष्ट्रीय चिन्ह के अपमान पर कार्रवाई की मांग की है।
- पलायन के मुद्दे पर शाहनवाज हुसैन ने सकारात्मक दृष्टिकोण रखा।
- प्रधानमंत्री मोदी का बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में दौरा लोगों की सहायता के लिए है।
- राजनीतिक बयानबाजी में तथ्य और तर्क का महत्व है।
मुजफ्फरपुर, 9 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। जम्मू-कश्मीर के हजरतबल दरगाह में अशोक स्तंभ को तोड़ने के मामले पर बिहार में राजनीति तेज हो गई है। इस पर भाजपा के प्रवक्ता और पूर्व मंत्री शाहनवाज हुसैन ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर में राष्ट्रीय चिन्ह का जो भी अपमान करेगा, उस पर उचित कार्रवाई होनी चाहिए।
उन्होंने कहा, "क्या इस देश में कोई अपने राष्ट्रीय चिन्ह का अपमान कर सकता है और कोई इसे धार्मिक स्थान बता सकता है? यदि भारतीय मुद्रा पर राष्ट्रीय चिन्ह है, तो क्या वे उसे नहीं लेंगे? उसी दरगाह में जो लोग पैसे देते हैं, उस पर भी राष्ट्रीय चिन्ह होता है, तो क्या वे नोट लेना छोड़ देंगे? ऐसी मानसिकता के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।"
शाहनवाज ने कहा कि किसी भी व्यक्ति को यह हक नहीं है कि वह राष्ट्रीय चिन्ह और राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करे। इस घटना के संदर्भ में महबूबा मुफ्ती और उनके परिवार का बचाव करना दुर्भाग्यपूर्ण है।
उपराष्ट्रपति चुनाव पर उन्होंने कहा कि मतदान हो रहा है और एनडीए का उम्मीदवार जीतने वाला है, इसमें कोई संदेह नहीं।
शाहनवाज ने राजद नेता तेजस्वी यादव के बिहार से पलायन के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि बिहार के युवाओं को चांद पर भी काम मिलेगा, तो वे जाएंगे। बिहार में रोजगार के अच्छे अवसर मिलने पर लोग अपने राज्य में भी काम करेंगे। पलायन तब हुआ था जब बिहार में जंगलराज था, अब ऐसा नहीं हो रहा।
भाजपा नेता ने प्रशांत किशोर पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने भी जॉब के लिए कई राज्यों में काम किया है, और अब वे सवाल उठा रहे हैं कि लोग क्यों काम करने जा रहे हैं। देश-विदेश जहां भी काम मिलेगा, वहां लोग जाएंगे, लेकिन बिहार में भी उद्योग-धंधे बढ़ाने का काम करेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा करने पर उन्होंने कहा कि पीएम मोदी लोगों के दुख-दर्द में शामिल होते हैं। उन्होंने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि पीएम मोदी छुट्टी मनाने नहीं जाते हैं, जबकि राहुल गांधी छुट्टी मना रहे हैं। प्रधानमंत्री लोगों के आंसू पोंछ रहे हैं।