क्या हिज्बुल्लाह ने लेबनान के नाम खुला खत भेजा?
सारांश
Key Takeaways
- हिज्बुल्लाह ने लेबनान के नेताओं को पत्र भेजा।
- पत्र में इजरायल के साथ सीजफायर पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया गया है।
- हथियारों पर एकाधिकार के फैसले पर सवाल उठाए गए हैं।
- इजरायली हमले जारी हैं, जिससे क्षेत्र में तनाव बढ़ा है।
नई दिल्ली, 6 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। हिज्बुल्लाह ने लेबनान के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और संसद के अध्यक्ष को संबोधित एक खुला पत्र जारी किया है। इसमें उसने सरकार से यह अनुरोध किया है कि वह उसके निरस्त्रीकरण पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय इजरायल को युद्धविराम समझौते का पालन करने के लिए बाध्य करें।
पत्र में समूह ने लिखा है कि “लेबनान को इजरायल के साथ सीजफायर लागू करने और इसे पालन करने के लिए मजबूर करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, न कि दुश्मन (इजरायल) के साथ राजनीतिक बातचीत में उलझना चाहिए।”
हिज्बुल्लाह ने हथियारों पर एकाधिकार के फैसले पर भी सवाल उठाए हैं। उसका कहना है कि यह निर्णय जल्दबाजी में लिया गया, जिससे इजरायल को स्थिति का लाभ मिला। पत्र में लिखा गया है, “हथियारों पर एकाधिकार का फैसला इजरायल के हित में गया, क्योंकि उसने सीजफायर तोड़ने की शर्त के रूप में हमारे निरस्त्रीकरण को मुद्दा बना लिया।”
पत्र में आगे कहा गया है कि “हथियारों का मुद्दा किसी विदेशी दबाव या इजरायली ब्लैकमेल के तहत नहीं, बल्कि राष्ट्रीय ढांचे के भीतर तय होना चाहिए।”
यह पत्र उस समय सामने आया है जब नवंबर 2024 के सीजफायर समझौते के बावजूद इजरायल के हमले लेबनान की सीमाओं पर जारी हैं। संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल (यूएनआईएफआईएल) ने भी हाल में जमीन, हवा और समुद्र मार्ग से इजरायली हमलों में बढ़ोतरी की पुष्टि की है, जिससे क्षेत्र में एक बार फिर तनाव बढ़ गया है।
27 नवंबर 2024 की सीजफायर डील के तहत हिज्बुल्लाह को दक्षिणी लेबनान खाली करना था और वहां लेबनानी सेना की तैनाती होनी थी। इजरायल को भी पीछे हटना था। लेकिन तेल अवीव का कहना है कि वह उन ठिकानों पर कार्रवाई कर रहा है जहां 'हथियार जमा' किए जा रहे हैं, जिसे वह युद्धविराम का उल्लंघन मानता है।