क्या शारदीय नवरात्रि में हिमाचल के नैना देवी में भक्तों की भीड़ उमड़ी?

सारांश
Key Takeaways
- हिमाचल प्रदेश में नवरात्रि का पर्व धार्मिक आस्था का प्रतीक है।
- श्रद्धालु दूर-दूर से आकर मां के दरबार में अपनी प्रार्थनाएं अर्पित करते हैं।
- नैना देवी मंदिर का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है।
- दूर-दूर से भक्त यहां सुख-समृद्धि की कामना के लिए आते हैं।
- जिला प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए पर्याप्त इंतजाम किए हैं।
बिलासपुर, 22 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले की ऊंची पहाड़ी पर स्थित प्रसिद्ध शक्तिपीठ श्री नैना देवी मंदिर में शारदीय नवरात्रि के पहले दिन का आयोजन धूमधाम और आस्था के माहौल में किया गया।
सोमवार की सुबह मां की आरती और मंत्रोच्चार के साथ नवरात्रि की शुरुआत की गई। इस अवसर पर नवरात्रि के पहले दिन मां के शैलपुत्री स्वरूप की पूजा की जा रही है।
सुबह से ही माता के दरबार में श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया। पंजाब, हिमाचल, हरियाणा, दिल्ली सहित विभिन्न राज्यों से भक्त मां के दरबार में पहुंचकर पूजा-पाठ कर रहे हैं। भक्त जहां मां से अपने परिवार की सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना कर रहे हैं, वहीं प्राचीन हवन कुंड में आहुति भी अर्पित कर रहे हैं। नैना देवी धाम का वातावरण भक्तिमय हो गया है और पूरे क्षेत्र में 'जय माता दी' के जयकारे गूंज रहे हैं।
जिला प्रशासन और मंदिर न्यास ने नवरात्रि के लिए सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली हैं। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को देखते हुए सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की गई है। श्रद्धालुओं को सुव्यवस्थित तरीके से लाइनों में लगाकर मां के दर्शन कराए जा रहे हैं। इस बीच, बड़ी संख्या में भक्त मां के दरबार से ज्योति भी लेकर जा रहे हैं।
नैना देवी मंदिर के पुजारी लक्की शर्मा ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में बताया कि माता नैना देवी के दरबार का महत्व इस कारण है क्योंकि यहां माता सती के नेत्र गिरे थे। यही कारण है कि इस पवित्र स्थल का नाम श्री नैना देवी जी पड़ा। उन्होंने बताया कि नवरात्रि के दौरान दूर-दूर से आने वाले श्रद्धालु मां के चरणों में माथा टेकते हैं और अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करते हैं।
इसके अलावा, हिमाचल प्रदेश के कई अन्य मंदिरों में भी नवरात्रि के अवसर पर रौनक देखने को मिल रही है। अधिकांश मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी है।