क्या हिमाचल प्रदेश में आपदा के समय केंद्र से मदद न मिलना दुर्भाग्यपूर्ण है? - हर्षवर्धन चौहान

सारांश
Key Takeaways
- केंद्र सरकार से सहायता की कमी ने हिमाचल प्रदेश को संकट में डाल दिया है।
- प्रदेश सरकार राहत कार्यों में जुटी है, लेकिन केंद्र सरकार का सहयोग आवश्यक है।
- भाजपा सांसदों की विफलता ने जनता के बीच असंतोष बढ़ाया है।
- हिमाचल प्रदेश की जनता के लिए तत्काल सहायता की आवश्यकता है।
- राजनीतिक एकजुटता का समय है, न कि बयानबाजी का।
सोलन, 15 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। हिमाचल प्रदेश के उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने चंबा जिले के दो दिवसीय दौरे के दौरान केंद्र सरकार और राज्य से भाजपा के सभी 7 सांसदों पर प्राकृतिक आपदा के समय अपेक्षित सहयोग न दिलाने का आरोप लगाया।
प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने कहा कि हाल में हुई भारी बारिश, भूस्खलन और बाढ़ के कारण प्रदेश में व्यापक तबाही हुई, जिसमें जान-माल का भारी नुकसान हुआ। इसके बावजूद, केंद्र सरकार की ओर से हिमाचल को अपेक्षित आर्थिक सहायता नहीं मिली, जो कि अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। हिमाचल प्रदेश जैसे छोटे और पहाड़ी राज्य के लिए बिना केंद्रीय सहायता के आपदा से उबरना बेहद कठिन है।
उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदा ने हिमाचल के कई हिस्सों को गंभीर संकट में डाल दिया है। सड़कें, पुल, घर और आजीविका के साधन नष्ट हो गए हैं। प्रदेश सरकार राहत और पुनर्वास कार्यों में जुटी है, लेकिन इस कठिन समय में केंद्र सरकार का सहयोग अनिवार्य था। विशेष आर्थिक पैकेज और दीर्घकालिक पुनर्वास योजनाएं आवश्यक हैं।
उन्होंने भाजपा के सांसदों पर निशाना साधते हुए कहा कि जब हिमाचल आपदा का सामना कर रहा था, तब प्रदेश के सातों सांसद केंद्र से राहत और सहायता दिलाने में पूरी तरह असफल रहे। भाजपा नेताओं ने इस संकट के समय केवल राजनीतिक बयानबाजी की, लेकिन किसी ठोस कदम का उठाना जरूरी नहीं समझा।
उन्होंने कहा कि जब प्रदेश की जनता मुसीबत में थी, तब सांसदों ने केंद्र सरकार से विशेष पैकेज या त्वरित सहायता की मांग भी नहीं की। यह हिमाचल की जनता के साथ विश्वासघात है। यह समय राजनीति से ऊपर उठकर एकजुटता दिखाने का है। मैं केंद्र सरकार से अपील करता हूं कि हिमाचल की स्थिति को गंभीरता से लेते हुए तुरंत आर्थिक और तकनीकी सहायता प्रदान की जाए, ताकि प्रदेश इस संकट से उबर सके।
मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि प्रदेश सरकार ने अपने स्तर पर कई कदम उठाए हैं। आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत शिविर स्थापित किए गए हैं, और पुनर्वास के लिए योजनाएं बनाई जा रही हैं। इसके अतिरिक्त, प्रभावित लोगों को तत्काल सहायता प्रदान करने के लिए विशेष कोष भी आवंटित किया गया है।
मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने चंबा में स्थानीय प्रशासन के साथ बैठकें भी की और आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राहत कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरती जाए और प्रभावित लोगों तक तुरंत मदद पहुंचाई जाए।
उन्होंने आश्वासन दिया कि प्रदेश सरकार हर संभव प्रयास कर रही है ताकि चंबा और अन्य प्रभावित जिलों में सामान्य स्थिति जल्द बहाल हो सके।