क्या हिमाचल के श्री नैना देवी में भूस्खलन से इमारत ढह गई?

सारांश
Key Takeaways
- भूस्खलन एक गंभीर प्राकृतिक घटना है।
- हिमाचल प्रदेश में मानसून के दौरान भारी बारिश से स्थिति बिगड़ रही है।
- इस घटना में किसी की जान नहीं गई, जो राहत की बात है।
- आपदा प्रबंधन की तैयारी और जागरूकता आवश्यक है।
- हिमाचल प्रदेश में हाल के महीनों में आर्थिक नुकसान हुआ है।
बिलासपुर, 18 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में स्थित प्रसिद्ध शक्तिपीठ श्री नैना देवी में निरंतर हो रही बारिश ने फिर से तबाही मचाई है। सोमवार को पुराना बस अड्डा चौक के निकट भूस्खलन के कारण एक इमारत धराशायी हो गई।
जानकारी के अनुसार, माता श्री नैना देवी के दरबार क्षेत्र में पिछले कई दिनों से बारिश का सिलसिला जारी है। इस बारिश के चलते इमारत के लिए बनाया गया सपोर्टिंग वॉल ढह गया, जिससे पूरी बिल्डिंग जमींदोज हो गई।
हालांकि, यह घटना बेहद भयावह थी, लेकिन राहत की बात यह रही कि इसमें किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई। इमारत के पास से गुजरने वाली मुख्य सड़क उस समय खाली थी और कोई भी वाहन वहां नहीं था, अन्यथा स्थिति और भी गंभीर हो सकती थी।
इससे पहले, रविवार को हिमाचल के मंडी जिले में अचानक आई बाढ़ ने यातायात को बाधित कर दिया था। भारी बारिश, नदियों का उफान और भूस्खलन से हालात लगातार खराब हो रहे हैं। फिर भी, राहत की बात यह है कि रविवार को हुए इस हादसे में भी कोई जनहानि नहीं हुई।
गौरतलब है कि इस वर्ष हिमाचल प्रदेश के मानसून में अत्यधिक बारिश हो रही है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) की रिपोर्ट के अनुसार, 20 जून से 5 अगस्त तक भारी बारिश, भूस्खलन और संबंधित आपदाओं के कारण 194 लोगों की मौत हुई है और कुल मिलाकर 1.85 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।