क्या हिमाचल सरकार की 'जॉब ट्रेनी पॉलिसी' युवाओं के लिए सही है?
                                सारांश
Key Takeaways
- बेरोजगार युवाओं का प्रदर्शन सरकार की नीतियों के प्रति असंतोष को दर्शाता है।
 - युवाओं की योग्यता पर विश्वास की कमी एक बड़ी समस्या है।
 - सरकार को नीतियों में सुधार की आवश्यकता है।
 - 31 जुलाई को बड़ा प्रदर्शन होगा, जिसमें हजारों युवा शामिल होंगे।
 - सरकार को संवेदनशीलता दिखानी चाहिए।
 
मंडी, 28 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। सुखविंदर सिंह 'सुक्खू' की अगुवाई वाली हिमाचल सरकार के खिलाफ सोमवार को बेरोजगार युवाओं ने विरोध प्रदर्शन किया। 'हिमाचल अनएम्प्लॉयड यूथ फेडरेशन' ने 31 जुलाई को एक बड़ा प्रदर्शन आयोजित करने का निर्णय लिया है।
हिमाचल के हजारों बेरोजगार युवा 'जॉब ट्रेनी पॉलिसी' के विरोध में सड़कों पर उतर रहे हैं।
उन्होंने इस नीति को बेरोजगार युवाओं पर कुठाराघात बताया और सरकार से सवाल किया कि एक ही नौकरी के लिए कितनी बार परीक्षाएं ली जाएंगी। प्रदर्शन कर रहे युवाओं ने सरकार से अपनी नीति पर पुनर्विचार करने और परीक्षा लेने वाली संस्थाओं में सुधार की मांग की है।
मंडी में आयोजित पत्रकार वार्ता में 'हिमाचल अनएम्प्लॉयड यूथ फेडरेशन' के पदाधिकारियों ने सरकार को 31 जुलाई को होने वाले बड़े प्रदर्शन के बारे में चेतावनी दी।
विशाल मंढोत्रा ने कहा, "प्रदेश सरकार की 'जॉब ट्रेनी पॉलिसी' पूरी तरह से बेरोजगार युवाओं के साथ अन्याय है। एक युवा कई वर्षों की पढ़ाई और मेहनत के बाद टेस्ट देकर नौकरी पाता है, लेकिन सरकार उसकी योग्यता पर विश्वास नहीं कर रही। बार-बार टेस्ट लेकर सरकार युवाओं के साथ मजाक कर रही है।"
उन्होंने कहा, "बेरोजगार युवा वर्षों से देख रहा है कि सरकार इस तरह की नीतियों से चहेतों को नौकरी देती है और युवा केवल इंतजार करते रहते हैं। अब ऐसा नहीं चलेगा, प्रदेश सरकार को ऐसी नीतियों को खत्म करना होगा। 31 जुलाई को मंडी में एक हजार से अधिक युवा सड़कों पर उतरकर अपना विरोध दर्ज कराएंगे।"
पवन ने बताया कि खराब सरकारी सिस्टम की वजह से बेरोजगारों को परेशान किया जा रहा है। जिस सिस्टम के माध्यम से टेस्ट लिए जा रहे हैं, क्या उसे सुधारने की आवश्यकता नहीं है?"
उन्होंने यह भी कहा कि वे वर्षों से अपने साथियों के साथ सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन सरकार ऐसी नीतियों से उनका मनोबल तोड़ने का काम कर रही है। ऐसी नीतियों को तुरंत प्रभाव से खत्म किया जाना चाहिए।