क्या 'लैंड पूलिंग पॉलिसी' किसानों के खिलाफ साजिश है? हॉबी धालीवाल ने पंजाब सरकार पर बड़ा हमला किया

सारांश
Key Takeaways
- हॉबी धालीवाल ने 'लैंड पूलिंग पॉलिसी' का विरोध किया है।
- यह नीति किसानों के अधिकारों पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है।
- सरकार को किसानों की चिंताओं को गंभीरता से लेना चाहिए।
पटियाला, 5 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। पंजाब में सरकार की 'लैंड पूलिंग पॉलिसी' का विरोध तेज होता जा रहा है। इस संदर्भ में प्रसिद्ध पंजाबी कलाकार और सामाजिक कार्यकर्ता हॉबी धालीवाल ने मंगलवार को सरकार पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि पंजाब में इस पॉलिसी की कोई आवश्यकता नहीं है, और इससे किसानों को गंभीर नुकसान होगा।
हॉबी धालीवाल, जो स्वयं एक किसान के बेटे हैं, ने कहा कि किसानों और भाजपा के दबाव के कारण सरकार को जल्द ही इस पॉलिसी को वापस लेना पड़ेगा। यह पॉलिसी किसानों के हितों के खिलाफ है।
उन्होंने आरोप लगाया कि यह पॉलिसी किसानों की जमीनें छीनने की एक साजिश है। पंजाब सरकार किसानों की जमीन पर जबरन कब्जा कर रही है, और इसे किसी भी हालत में सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि ऊंची इमारतें और होटल बनाकर, 33 प्रतिशत जमीन का अधिग्रहण किया गया है, लेकिन उनकी मांग कहां है? पंजाब के लोग आज भी वहीं खड़े हैं।
हॉबी धालीवाल ने कहा, "सरकार ने पिछले 3 सालों में राज्य की जनता को तंज किया है, लेकिन पंजाबियों को और तंज मत करो।" उन्होंने आरोप लगाया कि यह (आम आदमी पार्टी) पंजाब से पैसे लूटने का प्रयास कर रही है।
भाजपा नेता ने पंजाब में नशे के खिलाफ सरकार की मुहिम पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि पंजाब के गांवों की स्थिति यह है कि एक व्यक्ति ने नशा छोड़ा है तो चार नए लोग नशा करने लगे हैं। राज्य की स्थिति अत्यंत गंभीर है। धालीवाल ने कहा, "सरकार ने नशे के खिलाफ एक पूरी मुहिम चलाई है, लेकिन किन लोगों से मिले और कितने लोगों का नशा छुड़ाया है?"
उन्होंने नशा छोड़ने के आंकड़ों को केवल कागजी कार्रवाई बताया।