क्या हैदराबाद में सरकारी जमीन को धोखे से बेचा गया? ईडी ने 4.80 करोड़ की संपत्ति कुर्क की

सारांश
Key Takeaways
- ईडी ने 4.80 करोड़ की संपत्तियों को कुर्क किया।
- यह मामला सरकारी जमीन की अवैध बिक्री से जुड़ा है।
- जांच में दस्तावेजों की जालसाजी का आरोप है।
- मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच जारी है।
हैदराबाद, 1 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत मोहम्मद मुनव्वर खान और उनकी पत्नी फैका ताहा खान की लगभग 4.80 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क कर लिया है।
ये संपत्तियां बंजारा हिल्स, तोलीचौकी और शमशाबाद में स्थित हैं और इनका संबंध श्रीमती खादर उनिसा एवं अन्य के खिलाफ चल रहे धन शोधन मामले से है।
यह कार्रवाई महेश्वरम पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर के आधार पर की गई है, जिसमें निजी व्यक्तियों और सरकारी अधिकारियों पर सरकारी जमीन की अवैध बिक्री का आरोप है। इसमें दस्तावेजों की जालसाजी और राजस्व रिकॉर्ड में हेरफेर शामिल है। ईडी की जांच में यह स्पष्ट हुआ कि नगराम गांव, महेश्वरम मंडल की सर्वे नंबर 181 वाली सरकारी जमीन/भूदान भूमि पर श्रीमती खादर उनिसा और उनके बेटे मोहम्मद मुनव्वर खान ने पैतृक संपत्ति का दावा किया।
उन्होंने राजस्व अभिलेखों में धोखाधड़ी कर बदलाव किए और इस जमीन को कई बिचौलियों के साथ मिलकर विभिन्न पार्टियों को बेच दिया।
ईडी ने पाया कि बिचौलियों ने कुछ सरकारी अधिकारियों की मदद से दस्तावेजों में हेरफेर किया और राजस्व रिकॉर्ड को गलत तरीके से बदला। इससे यह जमीन निषिद्ध सूची से हटा दी गई और बाद में निजी लोगों को बेच दी गई। इस अवैध कारोबार से श्रीमती खादर उनिसा और मोहम्मद मुनव्वर खान ने लगभग 6.45 करोड़ रुपये की अवैध कमाई की, जिसे अपराध की आय माना गया है। मोहम्मद मुनव्वर खान ने इस रकम का उपयोग पत्नी फैका ताहा खान के नाम पर संपत्तियां खरीदने में किया।
ईडी ने बताया कि यह मामला गंभीर है और जांच अभी जारी है। पुलिस और ईडी मिलकर इस रैकेट के अन्य लोगों तक पहुंचने की कोशिश कर रही हैं।