आईआईएम-कलकत्ता हॉस्टल में कथित दुष्कर्म मामले की जांच के लिए 9 सदस्यीय एसआईटी का गठन?

सारांश
Key Takeaways
- आईआईएम-कलकत्ता में दुष्कर्म का मामला गंभीर है।
- कोलकाता पुलिस ने एसआईटी का गठन किया है।
- पीड़िता और उसके पिता के बयानों में विरोधाभास है।
- सुरक्षा प्रोटोकॉल का उल्लंघन भी जांच का विषय है।
- जांच के चलते आईआईएम-सी ने टिप्पणी करने से किया इनकार।
कोलकाता, १३ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। जोका में स्थित भारतीय प्रबंधन संस्थान-कलकत्ता (आईआईएम-सी) के हॉस्टल में हुए कथित दुष्कर्म मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है। कोलकाता पुलिस ने 9 सदस्यीय एसआईटी बनाई है। इस मामले में एक छात्रा ने आईआईएम कॉलेज के एक छात्र पर हॉस्टल में दुष्कर्म करने का आरोप लगाया है।
इस एसआईटी में विभिन्न मेडिकल विशेषज्ञ शामिल किए गए हैं। राज्य पुलिस के सूत्रों के अनुसार, एसआईटी की प्राथमिकता पीड़िता और उसके पिता के बीच के विरोधाभासी बयानों की सत्यता को स्पष्ट करना होगा।
पीड़िता ने अपने बयान में कहा, "आईआईएम-सी के सेकेंड ईयर के छात्र ने शुक्रवार शाम उसे काउंसलिंग के बहाने बॉयज हॉस्टल बुलाया। वहां उसने पिज्जा और कोल्ड ड्रिंक दिए, जिनमें कथित रूप से नशीले पदार्थ मिलाए गए थे।" पीड़िता का कहना है कि इनका सेवन करने के बाद वह बेहोश हो गई और इसी अवस्था में आरोपी ने उसके साथ दुष्कर्म किया।
हालांकि, पीड़िता के पिता ने मीडिया को बताया कि उनकी बेटी के साथ ऐसा कुछ नहीं हुआ। उन्होंने कहा, "बेटी एक वाहन से उतरते समय गिरी थी, जिससे वह बेहोश हो गई।" पिता अपनी बात पर तब भी अडिग रहे, जब कोलकाता की एक अदालत ने आरोपी छात्र को १९ जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेजा।
एसआईटी आईआईएम-सी में सुरक्षा प्रोटोकॉल के कथित उल्लंघन की भी जांच करेगी, जहां पीड़िता ने विजिटर बुक में अपना नाम दर्ज कराए बिना ही लड़कों के हॉस्टल में प्रवेश किया था।
जोका परिसर में आने वाले हरिदेवपुर पुलिस स्टेशन ने पहले ही आईआईएम-सी अधिकारियों को एक पत्र भेजकर सुरक्षा प्रोटोकॉल बनाए रखने की मौजूदा मानक संचालन प्रक्रिया पर स्पष्टीकरण मांगा था। पुलिस ने यह भी पूछा कि क्या घटना वाली शाम को सुरक्षा प्रोटोकॉल का कोई उल्लंघन हुआ था?
शनिवार को आईआईएम-सी अधिकारियों ने कहा कि चूंकि मामले की जांच चल रही है, इसलिए वे इस पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे।