क्या आईआईटी भिलाई फेज-2 निर्माण युवाओं के लिए एक नई सौगात है? : गुरु खुशवंत साहेब

सारांश
Key Takeaways
- आईआईटी भिलाई का फेज-2 निर्माण शिक्षा में नई संभावनाएं खोलेगा।
- छात्रों की संख्या 3,000 तक बढ़ जाएगी।
- 300 से अधिक फैकल्टी और स्टाफ की भर्ती होगी।
- छत्तीसगढ़ का पहला अनुसंधान पार्क स्थापित होगा।
- तकनीकी शिक्षा में नई ऊंचाइयों की संभावना।
भिलाई, 27 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को एक वर्चुअल समारोह में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) भिलाई के फेज-2 निर्माण की आधारशिला रखी।
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के तकनीकी शिक्षा मंत्री गुरु खुशवंत साहेब और अहिवारा विधायक डोमनलाल कोर्सेवाड़ा उपस्थित रहे। इस प्रोजेक्ट से छत्तीसगढ़ में तकनीकी शिक्षा, अनुसंधान और रोजगार के क्षेत्र में नई संभावनाएं खुलेंगी।
भारत सरकार ने 29 मई 2025 को इस प्रोजेक्ट के लिए 2,257.55 करोड़ रुपए की मंजूरी दी थी, जिसमें से 1,092 करोड़ रुपए परिसर निर्माण पर खर्च होंगे। फेज-2 के तहत आईआईटी भिलाई का निर्मित क्षेत्र 1,51,343 वर्ग मीटर तक विस्तारित होगा। इसमें नए इंजीनियरिंग और विज्ञान विभाग, अत्याधुनिक प्रयोगशालाएं, आईसीटी सक्षम व्याख्यान कक्ष, उपकरण और प्रोटोटाइप सुविधाएं विकसित की जाएंगी। प्रोजेक्ट के पूरा होने पर छात्रों की संख्या 1,500 से बढ़कर 3,000 हो जाएगी, साथ ही 300 से अधिक फैकल्टी और ऑफिस स्टाफ की भर्ती होगी, जिससे रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी।
फेज-2 में छात्रावास, मेस हॉल, इनडोर खेल परिसर, ओपन एयर थिएटर, कैंटीन, क्रिकेट, फुटबॉल और हॉकी मैदान, टेनिस कोर्ट, आवासीय भवन, स्वास्थ्य केंद्र और शॉपिंग कॉम्प्लेक्स का निर्माण भी शामिल है। यह 96 करोड़ रुपए की लागत से छत्तीसगढ़ का पहला अनुसंधान पार्क स्थापित होगा। यह अनुसंधान पार्क उद्योग-अकादमिक सहयोग को बढ़ावा देगा और अत्याधुनिक तकनीकी विकास के लिए एक मजबूत ईकोसिस्टम तैयार करेगा।
तकनीकी शिक्षा मंत्री गुरु खुशवंत साहेब ने कहा, "पीएम मोदी ने छत्तीसगढ़ के युवाओं के भविष्य को सुरक्षित करने वाली एक बड़ी सौगात दी है। उच्च शिक्षा विभाग में 700 प्रोफेसरों की भर्ती की स्वीकृति भी मिल चुकी है, जो राज्य में शिक्षा के स्तर को और ऊंचा उठाएगी।"
इस अवसर पर पीएम मोदी ने आईआईटी भिलाई के साथ-साथ सात अन्य आईआईटी- पटना, इंदौर, जोधपुर, तिरुपति, पलक्कड़, धारवाड़ और जम्मू के फेज-2 का भी उद्घाटन किया।
आईआईटी भिलाई के डायरेक्टर प्रो. राजीव प्रकाश ने बताया कि यह विस्तार न केवल शिक्षा, बल्कि अनुसंधान और रोजगार के नए अवसरों का केंद्र बनेगा।
उन्होंने कहा कि यह प्रोजेक्ट अक्टूबर 2028 तक पूरी होने की संभावना है, जिसके बाद छत्तीसगढ़ तकनीकी शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छू सकेगा। यह प्रोजेक्ट छत्तीसगढ़ को तकनीकी और शैक्षिक क्षेत्र में अग्रणी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।