क्या भारतीय डाक विभाग का नवाचार युवाओं को आकर्षित करेगा?
सारांश
Key Takeaways
- युवाओं के लिए विशेष सुविधाएँ
- पार्सल पैकेजिंग यूनिट
- मिनी लाइब्रेरी और कैफेटेरिया
- डिजिटल भुगतान की सुविधा
- स्पीड पोस्ट पर छूट
गांधीनगर, 9 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय डाक विभाग ने युवा पीढ़ी, विशेषकर जेन-जी को अपनी सेवाओं से जोड़ने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इस दिशा में गुजरात का पहला 'जेन-जी थीम' आधारित पुनर्निर्मित डाकघर आईआईटी गांधीनगर परिसर में आरंभ किया गया है।
इस डाकघर का उद्देश्य आधुनिक सुविधाओं के माध्यम से डाक सेवाओं को आसान, आकर्षक और उपयोगी बनाना है। शैक्षणिक संस्थानों में 15 दिसंबर तक 46 डाकघर स्थापित किए जाने की योजना है।
सब-पोस्टमास्टर सिंटू कुमार जायसवाल ने कहा कि यह पहल युवाओं को डाक विभाग से जोड़ने की एक बड़ी कोशिश है। उन्होंने बताया कि डाकघर में एक मिनी लाइब्रेरी भी है, जहां छात्र पढ़ाई कर सकते हैं। 5 दिसंबर के उद्घाटन के बाद से छात्रों की यहाँ आवक बढ़ी है।
उन्होंने बताया कि पार्सल पैकेजिंग यूनिट इस डाकघर की एक विशेष सुविधा है। छात्रों को सामान भेजने के लिए अलग से पैकिंग सामग्री खरीदने की आवश्यकता नहीं होती। यहाँ मुफ्त पिक-अप सेवा भी उपलब्ध है, जिससे छात्रों की परेशानियाँ कम हो जाती हैं।
आईआईटी गांधीनगर की छात्रा शिखा शर्मा ने कहा कि यह पहल आवश्यक थी, क्योंकि अक्सर युवा भारतीय डाक विभाग को पुरानी सोच का मानते थे। जेन-जी थीम का डाकघर नई पीढ़ी की आवश्यकताओं के अनुरूप है।
आईआईटी के छात्र सिद्धेश ने कहा कि यह डाकघर छात्रों के लिए सुविधाजनक है। यह निजी कंपनियों की तुलना में बेहतर और सस्ता विकल्प प्रदान करता है।
यहाँ काम कर रहे पोस्टमास्टर बताते हैं कि पुनर्निर्मित डाकघर में वाई-फाई, कैफेटेरिया, मिनी लाइब्रेरी, क्यूआर आधारित डिजिटल भुगतान, पार्सल पैकेजिंग, फिलेटली और डाक जीवन बीमा जैसी आधुनिक सुविधाएँ उपलब्ध हैं। स्पीड पोस्ट में छात्रों को विशेष छूट भी दी गई है। यह परिवर्तन युवा सशक्तीकरण और लोक सेवा के आधुनिकीकरण का प्रतीक बन गया है।