क्या भारत-पाक मैच में सट्टे का खेल और कमजोर नेतृत्व चिंता का विषय है?

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क्या भारत-पाक मैच में सट्टे का खेल और कमजोर नेतृत्व चिंता का विषय है?

सारांश

कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने भारत-पाक मैच में सट्टा बाजार की भूमिका और कमजोर नेतृत्व पर तीखी टिप्पणी की है। उन्होंने ओडिशा में भगवत गीता पाठ के प्रस्ताव पर भी सवाल उठाए। क्या यह देश की शिक्षा नीति और राजनीति का सच है?

Key Takeaways

  • भारत-पाक मैच में सट्टा बाजार की गंभीरता पर ध्यान दें।
  • कमजोर नेतृत्व का प्रभाव हमारी राजनीति पर पड़ रहा है।
  • नफरत का प्रसार और शिक्षा नीति का सवाल उठता है।

नई दिल्ली, 21 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने रविवार को भारत-पाकिस्तान मैच और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर तेजस्वी यादव की सभा में की गई अमर्यादित टिप्पणी पर अपनी बेबाक राय व्यक्त की। इसके अलावा, उन्होंने ओडिशा के स्कूलों में भगवत गीता पाठ के प्रस्ताव पर भी तल्ख टिप्पणी की।

इमरान मसूद ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से खास बातचीत में कहा कि जब भी भारत-पाक मैच का जिक्र होता है, तो मुझे सबसे पहले सट्टा बाजार की याद आती है। मैच के मुकाबले इस बात की चर्चा ज्यादा होती है कि बाजार में क्या रेट रहेगा। मैच का रोमांच सट्टे से ज्यादा महत्त्वपूर्ण बन गया है। रोमांच को पैसे पर बेचा जाता है।

बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर की गई अमर्यादित टिप्पणी पर गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय और डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने नाराजगी व्यक्त की। इस पर इमरान मसूद ने पलटवार करते हुए कहा कि पहले नित्यानंद राय को इस्तीफा देना चाहिए। प्रधानमंत्री के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी करने वालों को उनकी सरकार पकड़ नहीं पा रही है। उन्होंने सवाल किया कि सरकार इतनी कमजोर क्यों है?

मसूद ने आगे कहा कि यह देश कमजोर नेतृत्व के हाथों में जा चुका है। देश गर्त में जा रहा है। बार-बार एक ही बात पर रोना बंद करें और दोषियों को जेल भेजें। अगर सरकार आपकी है, तो जिम्मेदारी भी आपकी है। उन्होंने कहा कि यह सरकार केवल नफरत परोस रही है। मुफ्त में नफरत बांट रही है। इसके अलावा इनके पास कोई काम नहीं है।

ओडिशा के स्कूलों में भगवत गीता पाठ शुरू करने के प्रस्ताव पर भी इमरान मसूद ने आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि आप नफरत बांटते रहिए। हमारा देश सेकुलर है। अगर आज गीता पढ़ाई जाएगी, तो कल कुरान, फिर बाइबिल, क्या सब कुछ पढ़ाया जाएगा? क्या यही शिक्षा नीति है?

Point of View

यह स्पष्ट है कि इमरान मसूद का विचार देश के भीतर हो रही राजनीतिक और सामाजिक गतिविधियों की गंभीरता को दर्शाता है। सट्टे का खेल और शिक्षा नीति का मुद्दा हमारे देश की सांस्कृतिक और नैतिकता का परीक्षण कर रहा है।
NationPress
21/09/2025

Frequently Asked Questions

भारत-पाक मैच में सट्टा क्यों इतना महत्वपूर्ण है?
भारत-पाक मैच में सट्टा बाजार की भूमिका बढ़ जाती है, जिससे मैच की वास्तविकता से ज्यादा चर्चा सट्टे पर होती है।
क्या इमरान मसूद ने ओडिशा के भगवत गीता पाठ पर आपत्ति जताई?
हाँ, इमरान मसूद ने ओडिशा के स्कूलों में भगवत गीता पाठ शुरू करने के प्रस्ताव पर सवाल उठाए हैं।
क्या यह सरकार नफरत को बढ़ावा दे रही है?
इमरान मसूद ने यह आरोप लगाया है कि सरकार केवल नफरत बांट रही है और इसके पास कोई सकारात्मक कार्य नहीं है।