क्या अंतर्राष्ट्रीय सामरिक सहभागिता कार्यक्रम (इन-स्टेप) वैश्विक दक्षिण की एकजुटता को बढ़ाएगा?

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क्या अंतर्राष्ट्रीय सामरिक सहभागिता कार्यक्रम (इन-स्टेप) वैश्विक दक्षिण की एकजुटता को बढ़ाएगा?

सारांश

भारत के उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन ने अंतर्राष्ट्रीय सामरिक सहभागिता कार्यक्रम (इन-स्टेप) के तीसरे संस्करण में 44 प्रतिनिधियों को संबोधित किया। इस कार्यक्रम का लक्ष्य वैश्विक दक्षिण के देशों के बीच सामरिक एकजुटता को बढ़ावा देना है, जिससे वे मिलकर वैश्विक चुनौतियों का सामना कर सकें।

Key Takeaways

  • वैश्विक दक्षिण के देशों के बीच सामरिक एकता का महत्व।
  • भारत की 'सागर' नीति की भूमिका।
  • साइबर सुरक्षा और आतंकवाद निरोधक रणनीतियों पर चर्चा।
  • डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर की सराहना।
  • इन-स्टेप कार्यक्रम का विकासशील देशों के लिए महत्व।

नई दिल्ली, 31 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत के उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन ने शुक्रवार को उपराष्ट्रपति एन्क्लेव में अंतर्राष्ट्रीय सामरिक सहभागिता कार्यक्रम (इन-स्टेप) के तीसरे संस्करण के प्रतिनिधियों का स्वागत किया। इस उच्चस्तरीय रणनीतिक संवाद मंच में 24 देशों के 32 अंतर्राष्ट्रीय प्रतिभागियों सहित कुल 44 वरिष्ठ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारियों ने भाग लिया।

कार्यक्रम की थीम 'वैश्विक दक्षिण की सामरिक एकजुटता' रही, जिसमें भारत ने विकासशील देशों के बीच रणनीतिक सहयोग को मजबूत करने का आह्वान किया। उपराष्ट्रपति ने अपने भाषण में कहा, "इन-स्टेप वैश्विक दक्षिण के देशों को एक मंच प्रदान करता है, जहां वे सामरिक रूप से जुड़ें, वैश्विक स्तर पर सोचें और एक बेहतर भविष्य के लिए एकजुट होकर कार्य करें।"

उन्होंने बताया कि वैश्विक चुनौतियों, जैसे जलवायु परिवर्तन, साइबर सुरक्षा, आतंकवाद और आपूर्ति श्रृंखला संकट का समाधान अकेले नहीं किया जा सकता। उपराष्ट्रपति ने कहा, "भारत 'वसुधैव कुटुंबकम' की भावना से आगे बढ़ रहा है, और इन-स्टेप इसी दर्शन का व्यावहारिक रूप है।"

इस कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय (एनएससीएस) और विदेश मंत्रालय के सहयोग से किया गया। इसमें दक्षिण एशिया, अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए। श्रीलंका, मॉरीशस, मालदीव, बांग्लादेश, घाना, नाइजीरिया, ब्राजील, इंडोनेशिया और वियतनाम जैसे देशों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

दो दिवसीय सम्मेलन के दौरान साइबर युद्ध, समुद्री सुरक्षा, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और आतंकवाद निरोधक रणनीतियों पर गहन चर्चा हुई।

उपराष्ट्रपति ने भारत की 'सागर' (सुरक्षा और विकास के लिए सभी) और 'नेबरहुड फर्स्ट' नीति को रेखांकित करते हुए कहा, "हमारा लक्ष्य है कि वैश्विक दक्षिण अपनी आवाज बुलंद करे। इन-स्टेप इसी दिशा में एक मजबूत कदम है।"

उपराष्ट्रपति कार्यालय के आधिकारिक 'एक्स' हैंडल से सम्मेलन की तस्वीरें साझा की गईं। इस दौरान लिखा गया, "उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन ने शुक्रवार को उपराष्ट्रपति एन्क्लेव में अंतर्राष्ट्रीय सामरिक सहभागिता कार्यक्रम (आईएन-स्टेप) के तीसरे संस्करण के प्रतिनिधियों को संबोधित किया।"

आगे लिखा गया, "आईएन-स्टेप एक पहल है जो भारत और मित्र देशों के वरिष्ठ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारियों के लिए एक रणनीतिक संवाद मंच के रूप में कार्य करती है। कार्यक्रम के तीसरे संस्करण में 24 देशों के 32 अंतर्राष्ट्रीय प्रतिभागियों सहित 44 प्रतिनिधि शामिल हैं। उपराष्ट्रपति ने कहा कि आईएन-स्टेप वैश्विक दक्षिण देशों को रणनीतिक रूप से जुड़ने, वैश्विक रूप से सोचने और बेहतर कल के लिए एकजुट होकर कार्य करने के लिए एक साथ लाता है।"

सम्मेलन में प्रतिनिधियों ने भारत की डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (डीपीआई) और आपदा प्रबंधन मॉडल की सराहना की।

ज्ञात हो कि इन-स्टेप की शुरुआत 2023 में हुई थी, जब पहले संस्करण में 18 देशों के 28 प्रतिनिधि शामिल हुए।

Point of View

यह कहना उचित होगा कि इस प्रकार के मंच वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए महत्वपूर्ण हैं। भारत की भूमिका वैश्विक दक्षिण की आवाज को उठाने में महत्वपूर्ण है, और इस प्रकार के संवाद से सामरिक सहयोग को बढ़ावा मिलेगा।
NationPress
01/11/2025

Frequently Asked Questions

इन-स्टेप कार्यक्रम का उद्देश्य क्या है?
इन-स्टेप कार्यक्रम का उद्देश्य वैश्विक दक्षिण के देशों के बीच सामरिक एकता और सहयोग को बढ़ावा देना है।
इस कार्यक्रम में कौन-कौन से देश शामिल हैं?
इस कार्यक्रम में 24 देशों के प्रतिनिधि शामिल हैं, जिनमें श्रीलंका, मॉरीशस, बांग्लादेश, और ब्राजील जैसे देश शामिल हैं।
कार्यक्रम में चर्चा के मुख्य विषय क्या थे?
कार्यक्रम में साइबर सुरक्षा, समुद्री सुरक्षा, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, और आतंकवाद निरोधक रणनीतियों पर चर्चा की गई।