क्या आयकर विभाग ने कटौतियों और छूटों के फर्जी दावों पर कार्रवाई की?

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क्या आयकर विभाग ने कटौतियों और छूटों के फर्जी दावों पर कार्रवाई की?

सारांश

केंद्र सरकार ने आयकर विभाग द्वारा फर्जी दावों पर कार्रवाई करने की घोषणा की है। देशभर में चल रहे वेरिफिकेशन अभियान का उद्देश्य कटौतियों और छूटों के दुरुपयोग को रोकना है। इस अभियान में 40,000 से अधिक करदाताओं ने अपने रिटर्न को अपडेट किया है। जानें इस अभियान के पीछे की पूरी कहानी।

Key Takeaways

  • आयकर विभाग ने फर्जी दावों पर कार्रवाई शुरू की है।
  • 150 कैंपस में वेरिफिकेशन अभियान चल रहा है।
  • 40,000 करदाताओं ने अपने रिटर्न अपडेट किए हैं।
  • विभाग का उद्देश्य वित्तीय पारदर्शिता को बढ़ाना है।
  • धोखाधड़ी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

नई दिल्ली, 14 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। केंद्र सरकार ने सोमवार को बताया कि आयकर विभाग ने देश के विभिन्न हिस्सों में एक व्यापक वेरिफिकेशन अभियान की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य आयकर रिटर्न (आईटीआर) में कटौतियों और छूटों के फर्जी दावों को बढ़ावा देने वाले व्यक्तियों और संस्थाओं की पहचान करना है।

यह अभियान 150 कैंपस में चल रहा है, जहां डिजिटल रिकॉर्ड सहित महत्वपूर्ण साक्ष्यों की प्राप्ति की उम्मीद है। इससे ऐसे नेटवर्क का सफाया करना और कानून के अधीन जवाबदेही सुनिश्चित करना संभव होगा।

जांच में कुछ आईटीआर तैयार करने वालों और बिचौलियों द्वारा चलाए जा रहे संगठित रैकेट का पर्दाफाश हुआ है, जो फर्जी कटौतियों और छूटों का दावा करते हुए रिटर्न दाखिल कर रहे थे।

वित्त मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, इन धोखाधड़ी भरे फाइलिंग में लाभकारी प्रावधानों का दुरुपयोग पाया गया है, और कुछ लोग अत्यधिक रिफंड के लिए झूठे टीडीएस रिटर्न भी दाखिल कर रहे हैं।

यह कार्रवाई आयकर अधिनियम, 1961 के तहत कर लाभों के दुरुपयोग के विस्तृत विश्लेषण के बाद की गई है, जो अक्सर पेशेवर बिचौलियों की मिलीभगत से होती है।

आयकर विभाग ने संदिग्ध पैटर्न की पहचान के लिए थर्ड पार्टी स्रोतों, जमीनी स्तर की खुफिया जानकारी और एडवांस एआई उपकरणों से प्राप्त वित्तीय आंकड़ों का उपयोग किया है।

हाल ही में महाराष्ट्र, तमिलनाडु, दिल्ली, गुजरात, पंजाब और मध्य प्रदेश में की गई तलाशी और जब्ती की कार्रवाइयों से इन निष्कर्षों की पुष्टि हुई है, जहां विभिन्न समूहों और संस्थाओं द्वारा धोखाधड़ी के दावों के सबूत मिले हैं।

आधिकारिक बयान में कहा गया है, "विश्लेषण से धारा 10(13ए), 80जीजीसी, 80ई, 80डी, 80ईई, 80ईईबी, 80जी, 80जीजीए और 80डीडीबी के तहत कटौतियों के दुरुपयोग का पता चलता है। बिना वैध औचित्य के छूट का दावा किया गया है। इसमें बहुराष्ट्रीय कंपनियों, सार्वजनिक उपक्रमों, सरकारी निकायों, शैक्षणिक संस्थानों और उद्यमियों के कर्मचारी शामिल हैं।"

पिछले एक वर्ष में, आयकर विभाग ने संदिग्ध करदाताओं को अपने रिटर्न संशोधित करने और सही कर का भुगतान करने के लिए प्रेरित करने हेतु एसएमएस और ईमेल परामर्श सहित व्यापक संपर्क प्रयास किए हैं। कैंपस के अंदर और बाहर, फिजिकल आउटरीच प्रोग्राम भी आयोजित किए गए हैं।

नतीजतन, पिछले चार महीने में लगभग 40,000 करदाताओं ने अपने रिटर्न अपडेट किए हैं और स्वेच्छा से 1,045 करोड़ रुपये के झूठे दावे वापस ले लिए हैं। हालांकि, कई लोग अभी भी नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं।

मंत्रालय ने कहा, "आयकर विभाग अब लगातार धोखाधड़ी वाले दावों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए तत्पर है।"

Point of View

यह आयकर विभाग की कार्रवाई न केवल प्रशासनिक सुधारों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह देश की वित्तीय व्यवस्था में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने का भी प्रयास है। हमें इस तरह की कार्रवाइयों का स्वागत करना चाहिए, जो ना केवल आर्थिक धोखाधड़ी को रोकने में मदद करती हैं, बल्कि आम नागरिकों के विश्वास को भी मजबूत करती हैं।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

आयकर विभाग का वेरिफिकेशन अभियान क्या है?
यह एक व्यापक अभियान है जिसका उद्देश्य फर्जी कटौतियों और छूटों के दावों की पहचान करना है।
इस अभियान के तहत किन क्षेत्रों में कार्रवाई की गई है?
यह अभियान महाराष्ट्र, तमिलनाडु, दिल्ली, गुजरात, पंजाब और मध्य प्रदेश में चल रहा है।
क्या इस अभियान का कोई सकारात्मक परिणाम आया है?
हाँ, पिछले चार महीनों में लगभग 40,000 करदाताओं ने अपने रिटर्न को अपडेट किया है।
आयकर विभाग आगामी कार्रवाई क्या करेगा?
आयकर विभाग अब लगातार धोखाधड़ी वाले दावों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए तैयार है।
क्या इस अभियान के द्वारा करदाताओं को कोई सहायता मिल रही है?
जी हाँ, विभाग ने करदाताओं को अपने रिटर्न को संशोधित करने के लिए व्यापक संपर्क प्रयास किए हैं।