क्या इंडी अलायंस घमंडियों का गठबंधन है?: अजय आलोक

सारांश
Key Takeaways
- तेजस्वी यादव का गठबंधन बनाने का प्रयास
- भाजपा का आरोप: यह घमंडियों का गठबंधन है
- पश्चिम बंगाल में कानून-व्यवस्था की स्थिति चिंताजनक
- न्यायपालिका में सुधार की आवश्यकता
- वन नेशन, वन इलेक्शन पर चर्चा जारी
नई दिल्ली, १२ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख तेजस्वी यादव बिहार चुनाव से पहले इंडी अलायंस में शामिल दलों को एकजुट करने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। इसी क्रम में आज महागठबंधन समन्वय समिति की बैठक का आयोजन किया गया। भाजपा की तरफ से तेजस्वी यादव पर पप्पू यादव और कन्हैया कुमार को बिहार बंद के दौरान अपमानित करने का आरोप लगाया गया। भाजपा प्रवक्ता अजय आलोक ने तेजस्वी यादव के गठबंधन के दलों को एकजुट करने के प्रयास पर निशाना साधा।
हाल ही में, एनडीए ने तेजस्वी यादव पर मनमानी करने का आरोप लगाया था, जब पप्पू यादव और कन्हैया कुमार को बिहार बंद के दौरान आयोजित धरना प्रदर्शन से अलग कर दिया गया था।
तेजस्वी यादव द्वारा महागठबंधन के दलों को एकजुट करने के प्रयासों पर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा कि तेजस्वी यादव क्या प्रयास कर रहे हैं? यह एक घमंडियों का गठबंधन है।
राष्ट्र प्रेस से बातचीत में अजय आलोक ने तेजस्वी यादव और इंडी अलायंस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कांग्रेस, राजद, और अन्य दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर खींचतान चल रही है, जो अंततः एक समझौते में बदल जाएगी। आलोक ने इन दलों को घमंडियों का गठबंधन, वोट कटवा पार्टी, फ्रॉड पार्टी और जंगल राज वाली पार्टी करार दिया। उन्होंने कहा कि अंदर जो खिचड़ी पक रही है, वह सभी को मालूम है।
आईआईएम कलकत्ता में हुए बलात्कार मामले पर उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में कानून-व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। वहां अब कानून-व्यवस्था का कोई मतलब नहीं रह गया है। लोग पुलिस को या तो टीएमसी का गुंडा या टीएमसी का एजेंट समझते हैं। वहां पूरी तरह अराजकता है। भारतीय जनता पार्टी लोगों के साथ खड़ी है। हर संघर्ष में हमारे कार्यकर्ता वहां होते हैं। चुनाव में जनता वोट से जवाब देगी।
भारत की न्याय व्यवस्था को लेकर सीजेआई बीआर गवई के बयान पर अजय आलोक ने कहा कि न्यायपालिका में सुधारों की लगातार कमी रही है, और सुधार नितांत आवश्यक है। हर क्षेत्र में सुधार की जरूरत है। न्याय प्रक्रिया में सुधार की हमेशा आवश्यकता होती है। उनके बयान का हमें स्वागत करना चाहिए।
वन नेशन, वन इलेक्शन पर उन्होंने कहा कि इसके पीछे जो तथ्य हैं कि १५ साल तक इसी विधि से चुनाव होते रहे हैं। बाद में एक परिवार के कारण इसे वापस लिया गया। इस पर चर्चा हो रही है, धीरे-धीरे इस पर सहमति भी बन रही है।