क्या मजबूत घरेलू खपत और सरकार के इंफ्रास्ट्रक्चर में पूंजी निवेश से भारतीय कंपनियों का राजस्व बढ़ेगा?

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क्या मजबूत घरेलू खपत और सरकार के इंफ्रास्ट्रक्चर में पूंजी निवेश से भारतीय कंपनियों का राजस्व बढ़ेगा?

सारांश

क्रिसिल की नई रिपोर्ट में बताया गया है कि घरेलू खपत और सरकार द्वारा इंफ्रास्ट्रक्चर में पूंजी निवेश से भारतीय कंपनियों का राजस्व बढ़ने की संभावना है। जानिए कैसे ये कारक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेंगे और कंपनियों के लिए क्या अवसर उत्पन्न होंगे।

Key Takeaways

  • मजबूत घरेलू खपत से राजस्व में वृद्धि होगी।
  • सरकारी पूंजी निवेश से इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार होगा।
  • क्रेडिट क्वालिटी का आउटलुक स्थिर है।
  • निर्यात से जुड़े क्षेत्रों को सावधानी बरतनी होगी।
  • एफएमसीजी सेक्टर में वृद्धि की संभावना है।

नई दिल्ली, 30 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। क्रिसिल द्वारा मंगलवार को जारी की गई एक रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि मजबूत घरेलू खपत और सरकार की ओर से इंफ्रास्ट्रक्चर पर निरंतर पूंजी निवेश (कैपेक्स) के चलते चालू वित्त वर्ष में भारतीय कंपनियों के राजस्व में 8 प्रतिशत की वृद्धि की संभावना है।

क्रिसिल रेटिंग्स के सीनियर डायरेक्टर सोमशेखर वेमुरी ने कहा कि कुल मिलाकर कॉर्पोरेट क्रेडिट क्वालिटी का आउटलुक मजबूत बना हुआ है और ईबीआईटीडीए 12 प्रतिशत पर स्थिर रहने की उम्मीद है।

जीएसटी सुधार, आयकर में छूट, कम महंगाई और ब्याज दर घरेलू खपत को बढ़ावा देने वाले महत्वपूर्ण कारक बने हुए हैं। सरकार का निरंतर पूंजी निवेश और घरेलू मांग में सुधार इंफ्रास्ट्रक्चर और कंजप्शन-लिंक्ड सेक्टर्स के लिए क्रेडिट क्वालिटी के आउटलुक को समर्थन प्रदान करेगा।

वे कहते हैं, "इसके अलावा, बैलेंस शीट का लेवरेज पिछले दशक के निचले स्तर के करीब है, यानी वैश्विक चुनौतियों के बढ़ने पर स्थिति को नियंत्रित किया जा सकता है। हालांकि, निर्यात से जुड़े क्षेत्रों को वैश्विक आर्थिक चुनौतियों से संवेदनशील रहना पड़ सकता है, लेकिन अमेरिका और यूरोपीय संघ जैसी बड़े अर्थव्यवस्थाओं के साथ द्विपक्षीय समझौतों और घरेलू नीतियों के समर्थन से इस प्रभाव को कम किया जा सकता है।"

इस वित्त वर्ष में बैंकों और गैर-बैंकों की क्रेडिट क्वालिटी आउटलुक स्थिर बना हुआ है। जीएसटी सुधार और आयकर में कटौती से खपत में सुधार, कम ब्याज दरें और नीतिगत दरों में कमी से दूसरे छमाही में क्रेडिट ग्रोथ बढ़ने की उम्मीद है।

रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि बैंक क्रेडिट पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 11-12 प्रतिशत की दर से बढ़ेगा, जबकि गैर-बैंकों का एयूएम पिछले वित्त वर्ष की तरह 18 प्रतिशत की बेहतर दर से बढ़ने की संभावना है।

रिपोर्ट के अनुसार, सड़क, जल, सिंचाई और पावर सेगमेंट में विविध ऑर्डर बुक से कंस्ट्रक्शन सेक्टर को लाभ होगा। रिन्यूएबल एनर्जी, रोड एसेट्स, कमर्शियल रियल एस्टेट और डेटा सेंटर जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्रों के लिए मजबूत और अनुमानित कैश फ्लो से सहायता मिलेगी।

वेकेशन और बिजनेस ट्रैवल में बढ़ती मांग से हॉस्पिटैलिटी सेक्टर को लाभ होगा, क्योंकि मांग सप्लाई से अधिक है।

इसी तरह, कम महंगाई, कर में राहत और प्रीमियम उत्पादों की बढ़ती मांग से मजबूत लाभप्रदता के कारण एफएमसीजी सेक्टर को बढ़ती मांग का लाभ होगा।

हालांकि, अमेरिकी टैरिफ का असर कुछ एक्सपोर्ट से जुड़े सेक्टर की क्रेडिट क्वालिटी पर पड़ेगा, क्योंकि भारत के कुल सामान निर्यात में अमेरिका की हिस्सेदारी 20 प्रतिशत है। डायमंड सेक्टर में, ऑपरेटिंग प्रॉफिट कम होगा क्योंकि टैरिफ की चुनौतियों से, खासकर लैब ग्रोन डायमंड से बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण मांग पर दबाव बढ़ेगा।

रिपोर्ट के अनुसार, इस वित्त वर्ष के पहले छह महीनों में ऑर्डर मिलने के बावजूद, प्रतिस्पर्धा बढ़ने से झींगा एक्सपोर्ट करने वालों की कमाई में भी गिरावट आएगी।

Point of View

बशर्ते कि घरेलू मांग और सरकारी निवेश में निरंतरता बनी रहे। यह न केवल कंपनियों के लिए, बल्कि पूरे देश की अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक संकेत है।
NationPress
28/11/2025

Frequently Asked Questions

भारतीय कंपनियों का राजस्व क्यों बढ़ रहा है?
मजबूत घरेलू खपत और सरकारी पूंजी निवेश के चलते।
क्या निर्यात से जुड़े क्षेत्र प्रभावित होंगे?
हाँ, वैश्विक आर्थिक चुनौतियों के कारण निर्यात क्षेत्र प्रभावित हो सकते हैं।
क्रेडिट क्वालिटी का आउटलुक कैसा है?
क्रेडिट क्वालिटी का आउटलुक स्थिर है।
क्या बैंकों की क्रेडिट ग्रोथ में वृद्धि होगी?
हाँ, दूसरे छमाही में बैंकों की क्रेडिट ग्रोथ बढ़ने की उम्मीद है।
एफएमसीजी सेक्टर को क्या लाभ होगा?
कम महंगाई और बढ़ती मांग से एफएमसीजी सेक्टर को लाभ होगा।
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