क्या भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले मजबूत हुआ?

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क्या भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले मजबूत हुआ?

सारांश

भारतीय रुपया आज अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 87.22 पर खुला, जो कि एफआईआई की बिकवाली और टैरिफ की चिंताओं के बीच एक सकारात्मक संकेत है। जानिए और क्या है इस मामले में विशेष।

Key Takeaways

  • भारतीय रुपया आज 87.22 पर खुला।
  • एफआईआई की बिकवाली ने रुपये को प्रभावित किया है।
  • आरबीआई का नीतिगत फैसला महत्वपूर्ण होगा।
  • अमेरिकी टैरिफ की चिंताओं का असर है।
  • डॉलर सूचकांक में गिरावट से रुपया को फायदा मिला।

मुंबई, 4 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की लगातार बिकवाली, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा देश पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने के ऐलान और अस्थिर सप्ताह के बाद आज सोमवार को भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 87.22 पर खुला।

डॉलर सूचकांक में गिरावट और एशियाई मुद्राओं में तेजी के चलते भारतीय रुपया मजबूती के साथ खुला।

स्थानीय मुद्रा अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 87.22 पर खुली, जो शुक्रवार के 87.54 के बंद मूल्य से 32 पैसे ज्यादा है। डॉलर सूचकांक 100 के करीब पहुंच गया, जिससे रुपया 100 पैसे गिरकर 1 अगस्त को 87.52 प्रति डॉलर पर बंद हुआ, जो 25 जुलाई के 86.52 प्रति डॉलर और सप्ताह के दौरान 87.73 के निचले स्तर से कम था।

पिछले हफ्ते, विदेशी संस्थागत निवेशकों द्वारा भारतीय शेयरों की लगातार बिकवाली और तेल की कीमतों में वृद्धि के कारण रुपया लगातार चौथे हफ्ते गिरावट का सामना कर रहा था।

एफआईआई ने लगातार पाँचवे हफ्ते अपनी बिकवाली जारी रखी और जुलाई में एफआईआई की कुल बिक्री 47,666 करोड़ रुपये रही।

व्यापारियों को उम्मीद है कि आज रुपया 87.00 से 87.50 के बीच और इस हफ्ते 87.00 से 87.80 के बीच कारोबार करेगा और केंद्रीय बैंक अत्यधिक अस्थिरता को सीमित करने के लिए हस्तक्षेप जारी रखेगा।

इस हफ्ते, भारतीय निर्यात पर अमेरिका द्वारा लगाए गए भारी शुल्कों को लेकर बनी चिंताओं के कारण रुपया दबाव में रहने की संभावना है।

भारतीय रिजर्व बैंक का 6 अगस्त को होने वाला आगामी नीतिगत फैसला भी इसमें भूमिका निभा रहा है।

इस बीच, शुक्रवार को जारी आंकड़ों से पता चला है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था में उम्मीद से कम नौकरियां जुड़ी हैं, जबकि बेरोजगारी दर बढ़कर 4.2 प्रतिशत हो गई है, जिसके बाद सितंबर में अमेरिकी फेड द्वारा ब्याज दरों में कटौती की संभावना 80 प्रतिशत तक बढ़ गई है।

जुलाई में अमेरिका में नौकरियों की वृद्धि की गति धीमी होने के कारण शुक्रवार को डॉलर सूचकांक में 1.35 प्रतिशत की गिरावट आई।

ओपेक प्लस द्वारा सितंबर में उत्पादन बढ़ाने पर सहमति जताए जाने के बाद ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमतें गिरकर 69.54 डॉलर प्रति बैरल पर आ गईं, जबकि अमेरिकी अर्थव्यवस्था की धीमी गति और व्यापार शुल्कों को लेकर चिंताएं भी कम हुईं।

भारत का 10-ईयर बेंचमार्क 6.33 प्रतिशत 2035 बॉन्ड यील्ड पिछले सप्ताह 2 आधार अंकों (बीपीएस) की वृद्धि के साथ 6.3680 प्रतिशत पर बंद हुआ।

व्यापारियों को उम्मीद है कि आरबीआई के नीतिगत फैसले तक यील्ड 6.33 प्रतिशत और 6.38 प्रतिशत के बीच रहेगी।

कुछ बाजार सहभागियों को उम्मीद है कि आरबीआई दरों में 25 आधार अंकों की कटौती करेगा, जबकि एचएसबीसी रिसर्च ने कहा कि आरबीआई दरों को अपरिवर्तित रखेगा।

Point of View

भारतीय मुद्रा के उतार-चढ़ाव पर ध्यान देना आवश्यक है। यह न केवल आर्थिक स्थिरता का संकेत है, बल्कि हमारे निर्यात और आयात पर भी प्रभाव डालता है। हमें उम्मीद है कि आने वाले समय में आरबीआई सही कदम उठाएगा।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

भारतीय रुपया आज क्यों मजबूत हुआ?
भारतीय रुपया आज अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 87.22 पर खुला है, जिसके पीछे डॉलर सूचकांक में गिरावट और एशियाई मुद्राओं में तेजी है।
क्या एफआईआई की बिकवाली का असर रुपया पर है?
हाँ, एफआईआई की लगातार बिकवाली ने रुपया की स्थिति को प्रभावित किया है, जिससे बाजार में अस्थिरता बनी हुई है।
क्या आरबीआई ब्याज दरों में कटौती करेगा?
कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि आरबीआई 25 आधार अंकों की कटौती कर सकता है, जबकि अन्य इसे अपरिवर्तित रखने की अपेक्षा कर रहे हैं।