क्या मध्य प्रदेश में ड्राइवर की लापरवाही के कारण हुआ बस हादसा? मुख्यमंत्री ने मृतकों को 2 लाख रुपए मुआवजे की घोषणा की
                                सारांश
Key Takeaways
- मध्य प्रदेश में एक भयानक सड़क हादसा हुआ।
 - ड्राइवर की लापरवाही से बस गहरी खाई में गिरी।
 - मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपये का मुआवजा दिया।
 - घायलों को मुफ्त इलाज की सुविधा दी जाएगी।
 - यह घटना सड़क सुरक्षा के मुद्दे को उजागर करती है।
 
इंदौर, 4 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश के इंदौर जिले के महू में सोमवार रात एक भयानक सड़क हादसा घटित हुआ। इस हादसे में एक यात्री बस लगभग 20 फुट गहरी खाई में गिर गई, जिसमें दो महिलाओं की जान चली गई और अनेक लोग घायल हो गए। पुलिस ने प्रारंभिक जांच में ड्राइवर की लापरवाही को इस दुर्घटना का कारण माना है।
इंदौर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रूपेश द्विवेदी ने राष्ट्र प्रेस को बताया, "बस ओमकारेश्वर से इंदौर की ओर आ रही थी। खंडवा रोड के पास ड्राइवर की लापरवाही से बस एक गहरी खाई में गिर गई और पेड़ों के बीच फंस गई।"
उन्होंने आगे कहा, "बस में लगभग 40 यात्री मौजूद थे। इस दौरान दो महिलाओं की मृत्यु हो गई। सभी घायलों को अस्पताल पहुँचाया गया है।"
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने हादसे पर गहरा दुःख व्यक्त किया है और मुआवजे का ऐलान किया है। सीएम यादव ने मृतकों के परिवारों को 2-2 लाख रुपए देने की घोषणा की है। साथ ही, घायलों को मुफ्त उपचार का निर्देश दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "इंदौर और महू के बीच एक बस के पलटने से हुई दुर्घटना में नागरिकों की मृत्यु अत्यंत पीड़ादायक है। मृतकों के निकटतम परिजनों को मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान से 2-2 लाख रुपए और घायलों का नि:शुल्क उपचार करने के निर्देश दिए हैं। मैं ईश्वर से दिवंगत की आत्मा की शांति और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना करता हूँ।"
ज्ञात हो कि यह हादसा सिमरोल गांव के भेरूघाट के पास हुआ, जो एक पहाड़ी क्षेत्र है और इस प्रकार के हादसों के लिए जाना जाता है। चश्मदीदों के अनुसार, बस एक मोड़ पर नियंत्रण खो बैठी और खाई में गिर गई। आसपास के लोगों ने तुरंत सहायता की। लोग मौके पर पहुंचे और मलबे में फंसे यात्रियों को बाहर निकालने लगे। इमरजेंसी टीमों के पहुँचने से पहले ही कई लोगों को बाहर निकाल लिया गया।
यह दुर्घटना इन घुमावदार रास्तों पर विद्यमान खतरों को उजागर करती है, जिससे तत्काल सुधार की आवश्यकता महसूस हो रही है। मौसम में परिवर्तन और धुंध में कोहरे के कारण यहां ऐसी दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ जाती है।