क्या भारत का आईएनएस विक्रांत श्रीलंका में चक्रवात पीड़ितों की मदद कर रहा है?

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क्या भारत का आईएनएस विक्रांत श्रीलंका में चक्रवात पीड़ितों की मदद कर रहा है?

सारांश

भारत का आईएनएस विक्रांत श्रीलंका में आए चक्रवात दित्याह से प्रभावित लोगों की मदद के लिए पहुंचा है। भारतीय नौसेना का यह कदम न केवल मानवीय सहायता है, बल्कि यह पड़ोसी देशों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है। जानें और क्या-क्या सहायता उपलब्ध कराई जा रही है।

Key Takeaways

  • आईएनएस विक्रांत श्रीलंका में चक्रवात पीड़ितों की सहायता कर रहा है।
  • भारतीय नौसेना ने ऑपरेशन सागर बंधु शुरू किया है।
  • चक्रवात ने श्रीलंका में व्यापक नुकसान पहुँचाया है।
  • भारतीय वायुसेना भी राहत कार्यों में शामिल है।
  • भारत और श्रीलंका के बीच समन्वय बढ़ रहा है।

नई दिल्ली, 2 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत का सबसे बड़ा स्वदेशी विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत श्रीलंका में चक्रवात से प्रभावित लोगों को सहायता प्रदान कर रहा है। हाल ही में श्रीलंका भीषण चक्रवात ‘दित्वाह’ का शिकार बना है।

इस चक्रवात के कारण श्रीलंका में जानमाल का भारी नुकसान हुआ है। अनेक स्थानों पर सड़कें पूरी तरह से बर्बाद हो गई हैं। कई लोगों के घर बाढ़ और बारिश के पानी में डूब गए हैं। ऐसे कठिन समय में भारतीय नौसेना ‘ऑपरेशन सागर बंधु’ के तहत श्रीलंकाई नागरिकों की मदद कर रही है।

भारतीय नौसेना ने राहत कार्यों को तेज करने के लिए आईएनएस सुकन्या को त्रिंकोमाली में भेजा है। यह जहाज आवश्यक राहत सामग्री लेकर पहुंचा है। इस सामग्री से श्रीलंका में चल रहे सहायता अभियानों को और मजबूती मिलेगी। नौसेना के अनुसार आईएनएस विक्रांत और आईएनएस उदयगिरि को भी तुरंत राहत कार्यों में लगाया गया है।

महत्वपूर्ण यह है कि भारतीय वायुसेना और राहतकर्मियों ने भी श्रीलंका में कई लोगों की जान बचाई है। भारत द्वारा श्रीलंका में राहत और बचाव के लिए ‘ऑपरेशन सागर बंधु’ चलाया जा रहा है। भारतीय नौसेना भी इस अभियान में व्यापक मानवता सहायता प्रदान कर रही है।

श्रीलंका नौसेना के 75वें वर्षगांठ के अंतरराष्ट्रीय फ्लीट रिव्यू में भाग लेने के लिए आईएनएस विक्रांत और आईएनएस उदयगिरि कोलंबो पहुंचे थे। इन विशाल जहाजों को तत्काल राहत कार्यों में लगाया गया है। इन दोनों जहाजों ने जरूरतमंद लोगों के लिए राहत सामग्री श्रीलंकाई प्रशासन को सौंपी है।

चक्रवाती तूफान दित्वाह के प्रभाव के मद्देनजर, भारतीय नौसेना ने ऑपरेशन सागर बंधु के तहत यह मानवतावादी सहायता एवं आपदा राहत अभियान शुरू किया है। समुद्री जहाजों पर मौजूद हेलीकॉप्टरों ने प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया है। भारतीय हेलीकॉप्टरों ने चल रहे खोज एवं बचाव अभियानों को मजबूती प्रदान की, जिसके परिणामस्वरूप कई श्रीलंकाई नागरिकों को सफलतापूर्वक बचाया गया।

नौसेना के अनुसार भारत और श्रीलंका के अधिकारी लगातार समन्वय कर रहे हैं ताकि सहायता सामग्रियों की समय पर और प्रभावी आपूर्ति सुनिश्चित हो सके। भारतीय नौसेना की शीघ्र और प्रभावी प्रतिक्रिया ने एक बार फिर सिद्ध किया है कि वह हिंद महासागर क्षेत्र में प्रथम रिस्पॉन्डर की महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह कदम भारत सरकार के महासागर विजन और पड़ोसी प्रथम नीति के अनुरूप है, जो संकट के समय पड़ोसी देशों के प्रति भारत की निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

भारतीय नौसेना का कहना है कि वह श्रीलंकाई नागरिकों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करते हुए मानवता सहायता प्रदान करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इसके साथ ही भारतीय नौसेना क्षेत्र में एक विश्वसनीय, सक्षम और सक्रिय समुद्री साझेदार के रूप में अपनी भूमिका निभाती रहेगी।

Point of View

यह देखना महत्वपूर्ण है कि भारत ने श्रीलंका में मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए तत्परता दिखाई है। यह कदम न केवल द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करेगा, बल्कि यह भारत की वैश्विक भूमिका को भी उजागर करेगा।
NationPress
08/12/2025

Frequently Asked Questions

आईएनएस विक्रांत क्या है?
आईएनएस विक्रांत भारत का सबसे बड़ा स्वदेशी विमान वाहक पोत है, जो नौसेना के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
ऑपरेशन सागर बंधु का उद्देश्य क्या है?
ऑपरेशन सागर बंधु का उद्देश्य श्रीलंका में चक्रवात पीड़ितों को सहायता प्रदान करना है।
चक्रवात दित्याह ने किस प्रकार का नुकसान किया है?
चक्रवात दित्याह ने श्रीलंका में जानमाल का भारी नुकसान किया है, कई सड़कों और घरों को गंभीर नुकसान पहुंचाया है।
भारतीय नौसेना कैसे मदद कर रही है?
भारतीय नौसेना राहत सामग्री भेज रही है, साथ ही खोज और बचाव अभियानों में भी मदद कर रही है।
क्या अन्य देश भी श्रीलंका की मदद कर रहे हैं?
विभिन्न देशों के राहतकर्मी श्रीलंका में सहायता करने के लिए सक्रिय हैं, लेकिन भारत की भूमिका विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।
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