क्या आईपीएस पूरन कुमार का आत्महत्या मामला दलित नेताओं में आक्रोश का कारण बना?

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क्या आईपीएस पूरन कुमार का आत्महत्या मामला दलित नेताओं में आक्रोश का कारण बना?

सारांश

हरियाणा के आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार की आत्महत्या ने दलित समुदाय में गहरा आक्रोश पैदा किया है। उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है, जिसके बाद कार्रवाई न होने पर चंडीगढ़ को जाम करने की चेतावनी दी गई है। क्या सरकार इस मामले में उचित कदम उठाएगी?

Key Takeaways

  • आईपीएस पूरन कुमार की आत्महत्या ने दलित समुदाय में गहरा आक्रोश पैदा किया है।
  • आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई न होने पर चंडीगढ़ को जाम करने की चेतावनी दी गई है।
  • सुसाइड नोट में उत्पीड़न और मानसिक प्रताड़ना के आरोप शामिल हैं।
  • राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने मामले में कार्रवाई की मांग की है।

चंडीगढ़, 10 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। हरियाणा कैडर के आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार की आत्महत्या का मामला गहरा हो गया है। आत्महत्या के इस घटनाक्रम को लेकर दलित समुदाय के लोग बहुत आक्रोशित हैं और उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि आरोपियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई, तो वे चंडीगढ़ को जाम कर देंगे।

मृतक अधिकारी की पत्नी अमनीत पी. कुमार ने भी सुसाइड नोट में नामित वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। बाहरी राज्यों के दलित नेताओं की 31 सदस्यीय समिति के सदस्य रवि कुंडली ने कहा है कि यदि सरकार ने आरोपियों के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया, तो चंडीगढ़ को जाम कर दिया जाएगा।

उन्होंने कहा, "हमने दलित संगठनों की 31 सदस्यीय समिति बनाई है। इस समिति की बैठक कल चंडीगढ़ में होगी, जिसमें आगे के आंदोलन की रणनीति तय की जाएगी। यदि कल सुबह 10:30 बजे तक कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो इसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी। चंडीगढ़ और पूरे देश में बहुजन समाज के लोग इकट्ठा होंगे।"

यह बयान आईपीएस कुमार की मृत्यु के तीन दिन बाद आया, जब उनकी बेटी ने 7 अक्टूबर को चंडीगढ़ स्थित उनके आवास पर उनका शव पाया। कुमार ने सिर में गोली मारकर आत्महत्या की थी।

पूरन कुमार, जो एडीजीपी रैंक के अधिकारी थे, ने 8-9 पन्नों के सुसाइड नोट में हरियाणा डीजीपी शत्रुजीत सिंह कपूर और रोहतक एसपी नरेंद्र बिजरनिया सहित कई आईएएस-आईपीएस अधिकारियों का नाम लिया। नोट में उन्होंने उत्पीड़न और मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया।

उनकी पत्नी अमनीत, जो हरियाणा कैडर की आईएएस अधिकारी हैं, जापान में आधिकारिक यात्रा पर थीं। लौटने पर उन्होंने 8 अक्टूबर को चंडीगढ़ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और एससी-एसटी एक्ट के तहत एफआईआर की मांग की। उन्होंने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से मुलाकात कर नामित अधिकारियों की गिरफ्तारी और निलंबन की अपील की।

राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी) ने भी मामले का संज्ञान लिया है और 7 दिनों में एक्शन रिपोर्ट मांगी है।

Point of View

हमें यह समझना होगा कि आत्महत्या का निहितार्थ केवल एक व्यक्ति की त्रासदी नहीं है, बल्कि यह उन सामाजिक मुद्दों को भी उजागर करता है, जिनका सामना दलित समुदाय कर रहा है। यह एक गंभीर समस्या है जो कि समाज के हर हिस्से को प्रभावित करती है। राष्ट्रीय दृष्टिकोण से, यह आवश्यक है कि सरकार इस मामले को गंभीरता से ले और उचित कार्रवाई करे।
NationPress
10/10/2025

Frequently Asked Questions

आईपीएस पूरन कुमार ने आत्महत्या क्यों की?
उन्होंने अपने सुसाइड नोट में उत्पीड़न और मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया था।
क्या दलित नेताओं ने सरकार को चेतावनी दी है?
हाँ, उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई, तो चंडीगढ़ को जाम किया जाएगा।
क्या राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने इस मामले का संज्ञान लिया है?
हाँ, एनसीएससी ने मामले का संज्ञान लिया है और 7 दिनों में एक्शन रिपोर्ट मांगी है।