क्या उडुपी में पीएम मोदी ने भगवद्गीता से सच्ची शांति का संदेश दिया?

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क्या उडुपी में पीएम मोदी ने भगवद्गीता से सच्ची शांति का संदेश दिया?

सारांश

उडुपी में पीएम मोदी ने भगवद्गीता के माध्यम से नारी सुरक्षा और सशक्तीकरण का महत्वपूर्ण संदेश दिया। उन्होंने नारीशक्ति वंदन अधिनियम का जिक्र करते हुए न्याय और विकास की बात की। आइए, जानें उनके विचारों में छिपा गहरा अर्थ।

Key Takeaways

  • भगवान श्री कृष्ण के उपदेशों का सामाजिक और विकासात्मक प्रयासों में महत्व।
  • नारी शक्ति वंदन अधिनियम का ऐतिहासिक निर्णय।
  • शांति
  • राष्ट्रीय सुरक्षा नीति में सच्ची शांति का मूल आधार।
  • सामाजिक न्याय और विकास की दिशा में नरेंद्र मोदी का दृष्टिकोण।

उडुपी, 28 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्नाटक के उडुपी में शुक्रवार को एक कार्यक्रम में कहा कि भगवान श्री कृष्ण हमें नारी सुरक्षा और नारी सशक्तीकरण का ज्ञान प्रदान करते हैं। इसी ज्ञान से प्रेरित होकर देश ने नारीशक्ति वंदन अधिनियम का ऐतिहासिक निर्णय लिया।

उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले का उल्लेख करते हुए कहा कि हमारे कई नागरिकों की जान गई, जिनमें कनारा समुदाय के भाई-बहन भी थे। ऐसी दुखद घटनाओं पर पहले सरकारें अक्सर चुप रहती थीं, लेकिन यह नया भारत है। यह किसी के सामने झुकता नहीं और अपने लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी से पीछे नहीं हटता। हम शांति बनाना और उसकी रक्षा करना जानते हैं।

प्रधानमंत्री ने भगवद्गीता के उदाहरण का हवाला देते हुए कहा कि श्री कृष्ण ने गीता का संदेश युद्ध के मैदान पर दिया। गीता हमें यह सिखाती है कि सच्ची शांति कभी-कभी अन्याय को समाप्त करने से ही संभव होती है। यही हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा नीति का मूल आधार भी है।

पीएम मोदी ने कहा, "हम वसुधैव कुटुम्बकम की भावना को मानते हैं और साथ ही 'धर्मो रक्षति रक्षितः' के सिद्धांत का पालन करते हैं। श्री कृष्ण के उपदेश केवल युद्ध और सुरक्षा तक सीमित नहीं हैं। उनका संदेश हमारे सामाजिक और विकासात्मक प्रयासों में भी दिखाई देता है।

उन्होंने बताया कि आज देश की 'सबका साथ-सबका विकास, सर्वजन हिताय-सर्वजन सुखाय' जैसी नीतियों के पीछे भी भगवान श्री कृष्ण के उपदेशों का गहरा प्रभाव है। श्री कृष्ण गरीबों की सहायता और समाज में न्याय का संदेश देते हैं। इसी मंत्र से आयुष्मान भारत और पीएम आवास जैसी योजनाओं का निर्माण हुआ।

प्रधानमंत्री ने नारी सुरक्षा और sashaktikaran पर भी श्री कृष्ण के संदेश का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि देश ने इसी ज्ञान से प्रेरणा लेकर नारी शक्ति वंदन अधिनियम का ऐतिहासिक निर्णय लिया। इस अधिनियम के तहत लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक-तिहाई सीटें आरक्षित की गई हैं।

Point of View

यह स्पष्ट है कि पीएम मोदी का उद्बोधन न केवल नारी सुरक्षा और सशक्तीकरण का संदेश देता है, बल्कि यह देश की सुरक्षा और सामाजिक न्याय की दृष्टि को भी मजबूत करता है। यह समय की मांग है कि हम सभी मिलकर इस दिशा में काम करें।
NationPress
28/11/2025

Frequently Asked Questions

नारी शक्ति वंदन अधिनियम क्या है?
यह अधिनियम लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक-तिहाई सीटें आरक्षित करता है।
पीएम मोदी ने भगवद्गीता का उल्लेख क्यों किया?
उन्होंने बताया कि गीता सच्ची शांति के लिए अन्याय का अंत करने का महत्व बताती है।
प्रधानमंत्री ने किन मुद्दों पर बात की?
उन्होंने नारी सुरक्षा, सशक्तीकरण और राष्ट्रीय सुरक्षा नीति पर बात की।
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