क्या ईरान ने अजरबैजान-आर्मेनिया शांति समझौते का स्वागत किया है, विदेशी हस्तक्षेप पर चिंता जताई?

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क्या ईरान ने अजरबैजान-आर्मेनिया शांति समझौते का स्वागत किया है, विदेशी हस्तक्षेप पर चिंता जताई?

सारांश

ईरान ने अजरबैजान और आर्मेनिया के बीच संपन्न शांति समझौते का स्वागत किया है। इस समझौते को लेकर ईरान ने साझा सीमाओं के निकट विदेशी हस्तक्षेप की चिंता भी जताई है। क्या यह क्षेत्र में स्थायी शांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है?

Key Takeaways

  • ईरान ने अजरबैजान-आर्मेनिया शांति समझौते का स्वागत किया है।
  • विदेशी हस्तक्षेप से स्थिरता को खतरा हो सकता है।
  • दक्षिण काकेशस क्षेत्र में शांति महत्वपूर्ण है।
  • द्विपक्षीय और क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा दिया जाएगा।
  • अजरबैजान और आर्मेनिया के बीच दशकों पुराना विवाद हल हुआ है।

तेहरान, 9 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। ईरान के विदेश मंत्रालय ने शनिवार को अपने पड़ोसी देशों अजरबैजान और आर्मेनिया के बीच संपन्न शांति समझौते का स्वागत किया है, साथ ही साझा सीमाओं के निकट किसी भी प्रकार के विदेशी हस्तक्षेप को लेकर चिंता व्यक्त की।

विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि आर्मेनिया और अजरबैजान के नेताओं ने शुक्रवार को व्हाइट हाउस में शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए, जो कि दशकों से चले आ रहे सीमा विवाद का समाधान है। ईरान ने इस क्षेत्र में हो रही गतिविधियों पर करीबी निगरानी रखने और दोनों देशों के साथ संवाद बनाए रखने की बात कही है।

बयान में कहा गया, "इसमें कोई संदेह नहीं है कि दक्षिण काकेशस क्षेत्र में शांति और स्थिरता सभी क्षेत्रीय देशों के लिए लाभकारी है। इस्लामी गणराज्य ईरान, दोनों देशों द्वारा शांति समझौते को अंतिम रूप देने का स्वागत करता है और इसे क्षेत्र में स्थायी शांति सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानता है।"

ईरान ने यह भी चेतावनी दी कि किसी भी प्रकार का विदेशी हस्तक्षेप, विशेषकर साझा सीमाओं के पास, स्थायी क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता को खतरे में डाल सकता है।

ईरान ने यह भी कहा कि वह अजरबैजान और आर्मेनिया के साथ आपसी हितों के आधार पर "रचनात्मक" सहयोग जारी रखने के लिए तैयार है, जिससे द्विपक्षीय और क्षेत्रीय सहयोग के माध्यम से शांति, स्थिरता और आर्थिक विकास को बढ़ावा दिया जा सके।

आर्मेनिया और अजरबैजान 1988 से नागोर्नो-काराबाख क्षेत्र को लेकर आमने-सामने हैं। 1994 में संघर्षविराम के बाद से समय-समय पर झड़पें होती रही हैं।

इससे पहले शनिवार को अजरबैजान और आर्मेनिया ने दशकों पुराने संघर्ष और भारी जनहानि के बाद ऐतिहासिक संयुक्त शांति घोषणा पर हस्ताक्षर किए। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वाशिंगटन में दक्षिण काकेशस क्षेत्र के दोनों नेताओं की मेज़बानी की।

व्हाइट हाउस के अनुसार, अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव और आर्मेनिया के प्रधानमंत्री निकोल पशिनियन ने अमेरिका के साथ द्विपक्षीय आर्थिक समझौतों पर भी हस्ताक्षर किए, जिससे व्यापार, पारगमन, ऊर्जा, बुनियादी ढांचा और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में दक्षिण काकेशस की अपार संभावनाएं खुलेंगी और अमेरिकी जनता तथा व्यवसायों के लिए नए अवसर पैदा होंगे।

प्रधानमंत्री पशिनियन ने सोशल मीडिया पर कहा कि यह शांति समझौता दक्षिण काकेशस क्षेत्र में शांति, समृद्धि और विकास का मार्ग प्रशस्त करेगा।

Point of View

ईरान का यह कदम क्षेत्रीय स्थिरता और शांति के लिए सकारात्मक है। अजरबैजान और आर्मेनिया के बीच शांति समझौते ने दशकों पुरानी समस्याओं को हल करने का एक अवसर प्रदान किया है। ईरान का सहयोग इस दिशा में महत्वपूर्ण हो सकता है।
NationPress
09/08/2025

Frequently Asked Questions

ईरान ने अजरबैजान-आर्मेनिया शांति समझौते का स्वागत क्यों किया?
ईरान ने इसे क्षेत्रीय स्थिरता और शांति के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना है।
विदेशी हस्तक्षेप से ईरान क्यों चिंतित है?
ईरान का मानना है कि विदेशी हस्तक्षेप से स्थायी क्षेत्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता है।