क्या आईएईए के साथ समझौता ईरान की सुरक्षा परिषद की मंजूरी के अनुरूप है?

सारांश
Key Takeaways
- ईरान और आईएईए के बीच सहयोग बहाली का समझौता हुआ है।
- समझौते को एसएनएससी की मंजूरी मिली है।
- ईरान की परमाणु समिति ने समझौते का मसौदा तैयार किया है।
- शत्रुतापूर्ण कार्रवाई की स्थिति में समझौते का कार्यान्वयन रोका जा सकता है।
- ईरान की रिपोर्ट तब दी जाएगी जब सुरक्षा शर्तें पूरी होंगी।
तेहरान, 14 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। ईरान की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एसएनएससी) ने रविवार को यह स्पष्ट किया कि ईरान और अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के बीच हाल ही में संपन्न सहयोग बहाली समझौते को परिषद की मंजूरी प्राप्त है।
एसएनएससी के सचिवालय ने एक बयान में कहा, "समझौते के मसौदे की समीक्षा एसएनएससी की परमाणु समिति ने की थी और जो दस्तावेज़ हस्ताक्षरित हुआ है, वह पूरी तरह उसी के अनुरूप है जिसे समिति ने मंजूरी दी थी।"
बयान में स्पष्ट किया गया कि यदि ईरान और उसकी परमाणु सुविधाओं के खिलाफ कोई शत्रुतापूर्ण कार्रवाई होती है, जिसमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पूर्व में समाप्त किए गए प्रस्तावों की पुनर्बहाली भी शामिल है, तो समझौते का कार्यान्वयन रोक दिया जाएगा।
पिछले मंगलवार को मिस्र की राजधानी काहिरा में ईरान के विदेश मंत्री सैय्यद अब्बास अराघची और आईएईए के महानिदेशक राफेल ग्रोसी ने नए हालातों में द्विपक्षीय सहयोग बहाल करने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। यह कदम जून में अमेरिका-इजरायल द्वारा ईरानी परमाणु स्थलों पर हुए हमलों के बाद उठाया गया।
हमलों के बाद ईरान की संसद और संवैधानिक परिषद ने जून के अंत में कानून पारित कर देश का आईएईए के साथ सहयोग निलंबित कर दिया था। तब यह तय किया गया था कि आईएईए के निरीक्षण केवल एसएनएससी की स्वीकृति के बाद ही होंगे और यह निलंबन तब तक जारी रहेगा जब तक परमाणु स्थलों और वैज्ञानिकों की सुरक्षा की गारंटी नहीं मिल जाती।
एसएनएससी ने स्पष्ट किया कि उसकी परमाणु समिति में संबंधित संस्थानों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं, जिसे हमेशा से परिषद की ओर से निर्णय लेने का अधिकार है और इस बार भी उसने अपनी नियमित प्रक्रिया के तहत फैसला लिया।
बयान के अनुसार, ईरान अपनी रिपोर्ट आईएईए को तभी देगा जब सुरक्षा और संरक्षा की आवश्यक शर्तें पूरी होंगी और परिषद की मंजूरी मिलेगी। रिपोर्ट से संबंधित सहयोग के तरीके ईरान और आईएईए के बीच आपसी सहमति से तय होंगे और उनके कार्यान्वयन के लिए एसएनएससी की पुष्टि आवश्यक होगी।
अंत में परिषद ने दोहराया कि यदि ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों या वैज्ञानिकों के खिलाफ कोई भी शत्रुतापूर्ण कदम उठाया गया, तो हालिया समझौते का कार्यान्वयन तुरंत रोक दिया जाएगा।