आईएसए की 'सनराइज' पहल: क्या सौर अपशिष्ट को हरित ऊर्जा में बदलने का है एक वैश्विक मिशन?

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आईएसए की 'सनराइज' पहल: क्या सौर अपशिष्ट को हरित ऊर्जा में बदलने का है एक वैश्विक मिशन?

सारांश

इंटरनेशनल सोलर अलायंस (आईएसए) ने 'सनराइज' नामक एक नई पहल की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य सौर अपशिष्ट को हरित ऊर्जा में बदलना है। इस पहल के तहत सौर पैनल और बैटरी वेस्ट को रीसाइक्ल करने के लिए देशों को एक साथ लाने की योजना है।

Key Takeaways

  • सनराइज पहल का उद्देश्य सौर अपशिष्ट को रीसाइक्ल करना है।
  • आईएसए अब 'एंबिशन टू एक्शन' के चरण में है।
  • सौर पैनलों और बैटरियों के कचरे के लिए वैश्विक मानक स्थापित किए जाएंगे।
  • यह पहल पर्यावरण को लाभ पहुंचाएगी और हरी नौकरियों का सृजन करेगी।
  • आईएसए की योजना 'सिलिकॉन वैली फॉर सोलर' नई तकनीक और प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित करेगी।

नई दिल्ली, 28 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। इंटरनेशनल सोलर अलायंस (आईएसए) अब सौर ऊर्जा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रहा है। भारत मंडपम में आयोजित आईएसए की आठवीं सभा के दौरान इसके डायरेक्टर-जनरल आशीष खन्ना ने घोषणा की कि आईएसए ने एक नई वैश्विक पहल 'सनराइज (सोलर रीसाइक्लिंग नेटवर्क फॉर रीसाइक्लिंग इनोवेशन एंड एंगेजमेंट)' शुरू करने का निर्णय लिया है।

इसका उद्देश्य सौर पैनल और बैटरी के अपशिष्ट को रीसाइक्लिंग के लिए दुनिया के विभिन्न देशों को एक साथ लाना है।

आशीष खन्ना ने बताया कि अब आईएसए 'एंबिशन टू एक्शन' यानि केवल सपने देखने से आगे बढ़कर वास्तविक कार्य करने के चरण में है। इस संगठन का लक्ष्य 125 सदस्य देशों के साथ मिलकर स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में एक साझा मिशन शुरू करना है।

उन्होंने कहा कि अब सरकारों के नेतृत्व वाले कार्यक्रमों के साथ-साथ निवेश को बढ़ावा देने वाली योजनाएं जैसे ग्लोबल सोलर फैसिलिटी और सोलर पंप प्रोजेक्ट्स को भी तेजी से लागू किया जाएगा।

सनराइज पहल का लक्ष्य सौर पैनलों और बैटरियों के कचरे को उचित तरीके से रीसाइक्लिंग के लिए वैश्विक मानक स्थापित करना है। खन्ना ने कहा कि यदि हम रीसाइक्लिंग के व्यवसाय को सही दिशा में ले जाएं, तो हम ऊर्जा और स्थिरता की कई बड़ी चुनौतियों का समाधान निकाल सकते हैं। वर्तमान में, सौर और बैटरी अपशिष्ट के लिए कोई एक समान नियम नहीं है। सनराइज इस दिशा में पहला महत्वपूर्ण कदम होगा, जिसका लक्ष्य 90 प्रतिशत तक खनिजों को पुनः उपयोग में लाना है। इससे न केवल पर्यावरण को लाभ होगा, बल्कि हरी नौकरियों का भी सृजन होगा।

आईएसए की एक अन्य महत्वपूर्ण योजना 'सिलिकॉन वैली फॉर सोलर' है, जिसमें सौर ऊर्जा से संबंधित नई तकनीक और प्रशिक्षण पर कार्य किया जाएगा। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि दुनिया के हर व्यक्ति को सौर ऊर्जा से संबंधित जानकारी और प्रशिक्षण तक पहुंच प्राप्त हो। इसके अतिरिक्त, आईएसए एक वैश्विक सौर रुझान रिपोर्ट, सौर नवाचार पर एक शोध पत्रिका, और एक हाइड्रोजन-सौर पुस्तिका भी पेश करेगा। खन्ना ने कहा कि इसका उद्देश्य 'सौर कम्पास' जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से युवाओं को सौर ऊर्जा अनुसंधान और नवाचार में शामिल करना है।

खन्ना ने नाइजीरिया को उन देशों का एक प्रमुख उदाहरण बताया, जहां सौर ऊर्जा जीवन को बदल सकती है। उन्होंने कहा कि नाइजीरिया में लगभग 9 करोड़ लोग ऊर्जा से वंचित हैं। निजी क्षेत्र 100 से 10,000 प्रतिष्ठानों तक पहुँच बना रहा है, लेकिन इसके लिए और अधिक वित्तपोषण की आवश्यकता है। हम इस प्रकार के बदलावों का समर्थन करने के लिए 15 करोड़ डॉलर की एक सुविधा प्रदान कर रहे हैं।

खन्ना ने कहा कि आईएसए सभी के लिए खुला है। हमारे पास 125 सदस्य देश हैं और हम चाहते हैं कि आने वाले दशक में सभी 190 यूएन सदस्य देश इसका हिस्सा बनें। उन्होंने बताया कि सनराइज पहल केवल तकनीक नहीं, बल्कि रोजगार, पर्यावरण, और सर्कुलर इकॉनमी की दिशा में दुनिया को आगे बढ़ाने का एक बड़ा कदम है।

Point of View

यह पहल न केवल पर्यावरण संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह वैश्विक स्तर पर ऊर्जा के संकट का समाधान भी प्रस्तुत करती है। आईएसए की 'सनराइज' पहल से न केवल तकनीकी नवाचार होगा, बल्कि यह रोजगार के नए अवसर और स्थिरता भी लाएगी।
NationPress
29/10/2025

Frequently Asked Questions

सनराइज पहल का मुख्य उद्देश्य क्या है?
सनराइज पहल का मुख्य उद्देश्य सौर पैनल और बैटरी वेस्ट को रीसाइक्ल करने के लिए वैश्विक मानक स्थापित करना है।
आईएसए की दूसरी योजना क्या है?
आईएसए की दूसरी योजना 'सिलिकॉन वैली फॉर सोलर' है, जिसमें सौर ऊर्जा से संबंधित नई तकनीक और प्रशिक्षण पर कार्य किया जाएगा।
नाइजीरिया का संदर्भ क्यों दिया गया?
नाइजीरिया में लगभग 9 करोड़ लोग ऊर्जा से वंचित हैं, और सौर ऊर्जा उनके जीवन को बदलने में मदद कर सकती है।