क्या सांसदों ने 2001 के संसद हमले में जान गंवाने वाले सुरक्षाकर्मियों को श्रद्धांजलि दी?
सारांश
Key Takeaways
- सुरक्षा बलों ने अपनी जान देकर लोकतंत्र की रक्षा की।
- आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता का संकल्प।
- सभी दलों के नेताओं ने श्रद्धांजलि अर्पित की।
- शहीदों के परिवारों को सम्मान दिया गया।
- इस दिन को शोक और सम्मान के साथ मनाया गया।
नई दिल्ली, 13 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। 2001 के संसद हमले में अपने प्राणों की आहुति देने वाले सुरक्षाकर्मियों को उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी सहित कई प्रमुख नेताओं ने श्रद्धांजलि अर्पित की।
संसद हमले की बरसी पर भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा, "आंखें नम हो जाती हैं। आज का दिन हमारे बहादुर जवानों को याद करने का है, जिन्होंने शहादत दी। श्रद्धांजलि देने के लिए उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विपक्ष के नेता राहुल गांधी यहां उपस्थित थे। तमाम मंत्री, सांसद और शहीदों के परिवारों से भी मिले हैं। यह दर्द हम सभी महसूस करते हैं। हम संकल्प लेते हैं कि हम आतंकवाद की जड़ों को समाप्त करेंगे।"
कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला ने कहा, "आज का दिन हमारे संसद के इतिहास में अत्यंत दुखद है। उस दिन मैं भी संसद में था, जब आतंकवादियों ने हमला किया था। हमारे सुरक्षा बलों की सराहना करनी होगी जिन्होंने आतंकवादियों को पराजित किया। यह लोकतंत्र पर हमला करने का प्रयास था। सभी दलों के नेता आज श्रद्धांजलि अर्पित करने आते हैं। हमें आतंकवाद की हमेशा निंदा करनी चाहिए।"
भाजपा सांसद बृज लाल ने कहा कि आज ही के दिन संसद भवन पर हमला हुआ था, जिसमें हमारे नौ जवान शहीद हो गए थे। हमने उन्हें श्रद्धांजलि दी और उन्हें याद किया। आतंकवादियों ने सांसदों को खत्म करने की योजना बनाई थी, लेकिन हमारे सुरक्षाबलों ने साहस दिखाया। हमें बदला लेना बाकी है। अजहर मसूद के लोग ऑपरेशन सिंदूर में मारे गए।
2001 के संसद आतंकी हमले में शहीद हुए एक जवान के परिवार के सदस्य ने कहा कि हमें गर्व है कि पूरा देश उन्हें याद करता है।
एक सुरक्षाकर्मी के परिवार के सदस्य ने कहा कि हमें फोन आया था कि संसद में आतंकवादी हमला हुआ है और उन्हें गोली लगी है, लेकिन हमें उनकी सही स्थिति का पता नहीं था। हमें गर्व है कि उन्होंने देश की संसद की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति दी।