क्या इजरायल ने यमन से आए तीन ड्रोनों को रोका?

सारांश
Key Takeaways
- इजरायल ने यमन से आए तीन ड्रोन को रोका।
- हूती आंदोलन ने इजरायल पर हमले तेज कर दिए हैं।
- इजरायली वायुसेना ने तत्परता दिखाई।
- किसी भी समूह ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली।
- इजरायल ने जवाबी कार्रवाई की है।
यरूशलम, 7 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। इजरायल की सेना ने रविवार को यह जानकारी दी कि उसने यमन से उड़ाए गए तीन ड्रोनों को सफलतापूर्वक रोक लिया है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, सेना ने एक बयान में कहा, "इजरायली वायुसेना ने यमन से आ रहे तीन यूएवी (मानवरहित हवाई वाहन) को रोक दिया।"
सेना ने बताया कि यह ड्रोनों को इजरायली क्षेत्र में प्रवेश करने से पहले ही रोक लिया गया। अभी तक किसी भी समूह ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।
उत्तरी यमन के अधिकांश हिस्से पर नियंत्रण रखने वाला हूती आंदोलन पिछले नवंबर से इजरायल पर मिसाइलें और ड्रोन दाग रहा है। इजरायल का कहना है कि ये हमले गाजा युद्ध में फिलिस्तीनियों के समर्थन में हो रहे हैं। इजरायल ने सना और लाल सागर के होदेइदाह बंदरगाह सहित हूती-नियंत्रित क्षेत्रों पर हमले करके जवाब दिया है।
इससे पहले, गाजा पट्टी से दक्षिणी इजरायल की ओर दो रॉकेट दागे गए, जिससे नेटिवोट और आसपास के इलाकों में चेतावनी सायरन बज उठे।
सेना ने बताया कि ये दोनों प्रोजेक्टाइल मध्य गाजा से आए थे, जिनमें से एक को रोक लिया गया और दूसरा खुले इलाके में गिरा।
इजरायली अधिकारियों ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि यमन में हूती बलों ने मंगलवार को दूसरी बार इजरायल की ओर एक मिसाइल दागी, जिससे मध्य इजरायल और कब्जे वाले पश्चिमी तट के कुछ हिस्सों में सायरन बजने लगे, लेकिन उसे रोक लिया गया।
इस मिसाइल ने यरुशलम क्षेत्र और पश्चिमी तट के दक्षिणी हिस्सों में हवाई हमले के सायरन बजा दिए। इजरायल की मैगन डेविड एडोम बचाव सेवा ने कहा कि किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है।
सेना ने एक बयान में कहा, "इजरायल के कई इलाकों में कुछ देर पहले बजने वाले सायरन के बाद यमन से दागी गई एक मिसाइल को इजरायली वायुसेना ने रोक लिया।"
हूतियों की ओर से तत्काल कोई टिप्पणी नहीं आई है।
यमन की राजधानी सना में इजरायली हवाई हमलों में हूती नियंत्रण वाली सरकार के प्रधानमंत्री अहमद गालिब अल-रहवी और कई अन्य मंत्रियों की मौत के बाद हूती बलों ने इजरायल पर मिसाइल और ड्रोन हमले तेज कर दिए हैं।
30 अगस्त को यमन के हूती समूह के शीर्ष अधिकारियों ने इजरायल के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करने की कसम खाई थी। समूह ने उसी दिन पुष्टि की थी कि हूती समर्थित सरकार के प्रधानमंत्री अहमद अल-रहवी और कई अन्य मंत्री इजराइली हवाई हमलों में मारे गए।
समूह ने एक बयान में स्वीकार किया कि पिछले एक साल में सरकारी गतिविधियों की समीक्षा के लिए आयोजित कार्यशाला के दौरान सना में अधिकारियों पर हमला हुआ था और कई मंत्री घायल हो गए थे और अस्पताल में भर्ती हैं।