इटावा में कथावाचकों के साथ दुर्व्यवहार क्यों हुआ?

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इटावा में कथावाचकों के साथ दुर्व्यवहार क्यों हुआ?

सारांश

उत्तर प्रदेश के इटावा में कथावाचकों के साथ दुर्व्यवहार की घटना ने सभी को चौंका दिया है। समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता राजकुमार भाटी ने इसे अमानवीय बताया है। जानिए इस घटना के पीछे की सच्चाई और इसके प्रभाव।

Key Takeaways

  • इटावा में कथावाचकों के साथ अमानवीय व्यवहार हुआ।
  • राजकुमार भाटी ने इसे मानवता के खिलाफ बताया।
  • घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ।
  • कथावाचकों की जाति को लेकर विवाद हुआ।
  • भाजपा शासनकाल में ऐसे मामले बढ़ रहे हैं।

ग्रेटर नोएडा, 26 जून (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजकुमार भाटी ने उत्तर प्रदेश के इटावा में एक कथावाचक के साथ हुए दुर्व्यवहार की घटना की गुरुवार को कड़ी निंदा की। उन्होंने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में इस घटना को अमानवीय बताया।

उन्होंने इसे मानवता के खिलाफ एक गंभीर अपराध कहा और यह भी बताया कि इसे किसी सभ्य समाज में किसी भी हालत में स्वीकार नहीं किया जा सकता है।

राजकुमार भाटी ने कहा कि संभवतः कथावाचक से कोई गलती हो सकती है, जो कि एक अलग विषय है। लेकिन, उनके साथ जिस प्रकार का व्यवहार किया गया, वह पूरी तरह से निंदनीय है।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि किसी भी व्यक्ति की गरिमा को ठेस पहुंचाना एक बड़ा अपराध है। कथावाचक की पिटाई की गई, उन्हें अपशब्द कहे गए, और जमीन पर उनके नाक रगड़वाए गए। वहां उपस्थित लोगों से माफी भी मंगवाई गई और यह आरोप लगाया गया कि उनके ऊपर मानव मूत्र भी छिड़का गया। हालांकि, इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है, इसीलिए मैं इस पर अधिक कुछ नहीं कह सकता। लेकिन, इस घटना से जुड़े वीडियो में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि किस प्रकार कथावाचक के साथ बदसलूकी की गई। क्या इस प्रकार का व्यवहार एक सभ्य समाज में स्वीकार किया जा सकता है? बिल्कुल नहीं।

उन्होंने कहा कि अब कथावाचक के साथ दुर्व्यवहार करने वाले लोग जो भी तर्क दें, लेकिन वे बच नहीं पाएंगे। यदि वे सोचते हैं कि वे अपने पक्ष में दलील देंगे और बच जाएंगे, तो यह उनकी गलतफहमी है, और उन्हें इसे दूर कर लेना चाहिए।

राजकुमार भाटी ने कहा कि यदि कथावाचकों ने अपनी असली जाति छुपाई थी और आपको इससे आपत्ति थी, तो आप पुलिस को बुला लेते। लेकिन, जिस प्रकार से अमानवीयता की सारी सीमाएं पार की गईं, वह बिल्कुल भी उचित नहीं है।

उन्होंने कहा कि इस तरह के मामले भाजपा के शासनकाल में उत्तर प्रदेश में बढ़ रहे हैं। हम ऐसे मामलों का विरोध करते रहेंगे। अगर जरूरत पड़ी, तो हम आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर आंदोलन भी करेंगे।

जानकारी के अनुसार, उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में एक धार्मिक आयोजन के दौरान कथावाचकों के साथ मारपीट, अभद्रता और मजबूरी में बाल काटने की शर्मनाक घटना सामने आई थी।

यह घटना थाना बकेवर क्षेत्र के ग्राम दादरपुर में हुई, जहां 21 जून को एक भागवत कथा का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम में कथावाचक मुकुट मणि और आचार्य संत सिंह कथा वाचन कर रहे थे। आयोजन के दौरान कुछ ग्रामीणों ने कथावाचकों की जाति को लेकर आपत्ति जताई। आरोप था कि कथावाचकों ने स्वयं को ब्राह्मण बताकर कथा का आयोजन किया था, जबकि वे अन्य जाति के थे। इसी विवाद ने तूल पकड़ा और कुछ लोगों ने कथावाचकों के साथ मारपीट शुरू कर दी। इतना ही नहीं, उनकी इच्छा के विरुद्ध उनके बाल भी काट दिए गए। इस अमानवीय कृत्य का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया।

Point of View

मैं यह मानता हूं कि हमें ऐसे कृत्यों का विरोध करना चाहिए और मानवता की रक्षा के लिए आगे आना चाहिए। यह घटना न केवल इटावा बल्कि पूरे देश के लिए चिंताजनक है।
NationPress
21/10/2025

Frequently Asked Questions

इटावा में कथावाचकों के साथ क्या हुआ?
इटावा में कथावाचकों के साथ मारपीट, अभद्रता और मजबूरी में बाल काटने की घटना हुई।
इस घटना पर राजकुमार भाटी ने क्या कहा?
राजकुमार भाटी ने इसे अमानवीय और मानवता के खिलाफ एक बड़ा अपराध बताया।
क्या इस घटना का वीडियो वायरल हुआ?
हाँ, इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
क्यों किया गया कथावाचकों के साथ दुर्व्यवहार?
कुछ ग्रामीणों ने कथावाचकों की जाति को लेकर आपत्ति जताई थी।
भाजपा शासनकाल में ऐसे मामले क्यों बढ़ रहे हैं?
राजकुमार भाटी ने कहा कि भाजपा के शासनकाल में इस तरह की घटनाएं बढ़ रही हैं।