क्या इटावा में बवाल हो रहा है? दादरपुर में यादव समाज का प्रदर्शन उग्र, पुलिस पर पथराव

सारांश
Key Takeaways
- इटावा में बवाल के कारणों का अध्ययन करें।
- यादव समाज की मांगों को समझें।
- पुलिस की कार्रवाई पर ध्यान दें।
- स्थानीय प्रशासन की भूमिका को जानें।
- समाज में तनाव के प्रभावों पर विचार करें।
इटावा, 26 जून (राष्ट्र प्रेस)। कथावाचक के साथ हुए दुर्व्यवहार के मुद्दे पर इटावा में हंगामा मच गया है। स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि दादरपुर गांव को लगभग पुलिस छावनी में बदल दिया गया है। यादव समाज और 'अहीर रेजिमेंट' के युवा गुरुवार को दादरपुर गांव में प्रवेश करने का प्रयास कर रहे थे। जब पुलिस ने उन्हें रोका, तो बवाल शुरू हो गया।
जानकारी मिली है कि दादरपुर गांव में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे यादव समाज के लोग रास्ते में अन्य व्यक्तियों से उनकी जाति पूछ रहे थे, इसके बाद ही उन्हें गांव में प्रवेश दिया जा रहा था। सैकड़ों की संख्या में यादव लोग बाइकों पर सवार होकर दादरपुर के निकट पहुंचे और विरोध प्रदर्शन शुरू किया।
प्रारंभ में 'अहीर रेजिमेंट' और यादव समाज के सदस्यों ने बकेवर थाने के बाहर प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने गगन यादव की रिहाई और कथावाचकों के साथ दुर्व्यवहार की घटना के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। उन्होंने नारेबाजी की, सड़क को अवरुद्ध किया और कथावाचकों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने की मांग की।
हालांकि, धीरे-धीरे प्रदर्शन उग्र होता गया। प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच नोकझोंक होने लगी। पुलिस ने लोगों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन बातचीत विफल होने पर भीड़ को तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग किया गया।
इससे स्थिति और भी बिगड़ गई। प्रदर्शनकारी पुलिस टीम पर पथराव करने लगे। पुलिस वाहनों को भी नुकसान पहुँचा। प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने गोलीबारी की।
इटावा के एसपी श्रीश चंद्र ने कहा कि दादरपुर गांव के समीप कुछ लोग उपद्रव करने की कोशिश कर रहे थे। इस घटना में कुछ व्यक्तियों को हिरासत में लिया गया है।
उन्होंने कहा कि इस मामले में कठोर कार्रवाई की जाएगी। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि कोई भी अशांति न फैले। दादरपुर गांव में पुलिस बल तैनात किया गया है।