क्या एमपी-एमएलए कोर्ट ने जबलपुर के कांग्रेस विधायकों को मानहानि मामले में नोटिस जारी किया?
सारांश
Key Takeaways
- जबलपुर के कांग्रेस विधायकों को मानहानि का नोटिस मिला है।
- यह मामला राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के प्रबंधक द्वारा दायर किया गया है।
- कांग्रेस नेताओं को अदालत में पेश होने के लिए कहा गया है।
- भ्रष्टाचार और फर्जी मार्कशीट के आरोप लगे हैं।
- यह मामला राज्य की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
जबलपुर, 4 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले की एमपी-एमएलए अदालत ने विपक्ष के नेता उमंग सिंघार, वरिष्ठ नेता अजय सिंह और लखन घनघोरिया समेत तीन मौजूदा कांग्रेस विधायकों को नोटिस जारी किए हैं।
इन नोटिसों का उद्देश्य कांग्रेस नेताओं के खिलाफ दायर मानहानि के मामले में जवाब माँगना है। इन सभी कांग्रेस नेताओं को 26 जनवरी, 2026 को अदालत में पेश होने के लिए कहा गया है।
मानहानि का मुकदमा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के जिला कार्यक्रम प्रबंधक विजय पांडे द्वारा दायर किया गया है।
इस साल अगस्त में, जबलपुर पूर्व से वरिष्ठ कांग्रेस विधायक लखन घनघोरिया ने इस मुद्दे को ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के माध्यम से उठाया था।
घनघोरिया ने आरोप लगाया था कि विजय पांडे की हायर सेकेंडरी की मार्कशीट फर्जी है और उन्होंने प्रभारी जिला कार्यक्रम प्रबंधक (डीपीएम) के रूप में भ्रष्टाचार किया है।
कांग्रेस ने इस मामले को राज्य विधानसभा में भी उठाया और भाजपा सरकार पर विजय पांडे को बचाने का आरोप लगाया।
राज्य विधानसभा से बाहर निकलने के बाद, तीनों कांग्रेस नेताओं ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की थी।
उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल, जो राज्य के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग का भी प्रभार संभालते हैं, ने इस मामले की जांच के लिए एक समिति गठित की थी।
जांच में पाया गया कि विजय पांडे के खिलाफ लगाए गए आरोप गलत और निराधार थे।
इसके बाद, विजय पांडे ने उमंग सिंघार, अजय सिंह और लखन घनघोरिया के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया।
यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है, जब राज्य विधानसभा का पाँच दिवसीय शीतकालीन सत्र चल रहा है और नेता प्रतिपक्ष सिंघार के नेतृत्व में कांग्रेस विधायक भाजपा नीत राज्य सरकार को घेरने के लिए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।