जगन्नाथ मंदिर में कदम रखते ही क्यों लाशों की गंध अदृश्य हो जाती है?

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जगन्नाथ मंदिर में कदम रखते ही क्यों लाशों की गंध अदृश्य हो जाती है?

सारांश

क्या आपने कभी सोचा है कि जगन्नाथ मंदिर में कदम रखते ही लाशों की गंध क्यों अदृश्य हो जाती है? जानें इस रहस्य के पीछे का तथ्य और इस मंदिर का अद्भुत अनुभव।

Key Takeaways

  • जगन्नाथ मंदिर एक अद्भुत और रहस्यमयी स्थल है।
  • यह मंदिर सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत है।
  • सिंहद्वार में प्रवेश करते ही नकारात्मकता गायब हो जाती है।
  • दर्शन से पाप कटने का विश्वास है।
  • यहाँ की वास्तुकला भक्तों को शांति प्रदान करती है।

पुरी, ११ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। पुरी का जगन्नाथ मंदिर एक अत्यंत अद्भुत और रहस्यमयी स्थल है। इसे देखकर हर व्यक्ति मंत्रमुग्ध होता है। यह केवल एक मंदिर नहीं बल्कि एक ऐसा स्थान है, जहाँ आते ही व्यक्ति की सोच और अनुभव में परिवर्तन आता है। लोग दूर-दूर से यहाँ दर्शन करने आते हैं और हर कोई यहाँ से कुछ न कुछ रहस्य महसूस करके ही लौटता है।

यदि आप कभी मंदिर गए हैं, तो आपने देखा होगा कि जहाँ दाह संस्कार होता है, वहाँ से आने वाली चिताओं की गंध मंदिर तक पहुँचती है। लेकिन जैसे ही आप मंदिर के अंदर कदम रखते हैं, अचानक यह गंध गायब हो जाती है। यही नहीं, सिंहद्वार में प्रवेश करते ही आपको ऐसा लगता है जैसे सारी नकारात्मकता पीछे छूट गई हो। यह अनुभव हर भक्त को अलग तरह की शांति और मानसिक हल्कापन प्रदान करता है।

वास्तव में, जगन्नाथ मंदिर को वैकुण्ठ माना जाता है। इसे ज्योतिष और आध्यात्मिक दृष्टि से सकारात्मक ऊर्जा और शांति का केंद्र माना जाता है। कहा जाता है कि यहाँ केवल दर्शन मात्र से व्यक्ति के पाप कट जाते हैं।

मंदिर की वास्तुकला और देवताओं की विशेष ऊर्जा इस तरह से संतुलित है कि यह बाहरी नकारात्मक प्रभावों को भीतर आने नहीं देती। यह लगभग एक प्रकार का ऊर्जा कवच बनाता है। इसी कारण से, मंदिर के अंदर कदम रखते ही भक्त को शांति और पवित्रता का अनुभव होता है।

मंदिर के चारों ओर की हल्की गंध, वातावरण की शांति और यहाँ की भव्यता एक अद्भुत अनुभूति देती है। यही कारण है कि जगन्नाथ मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि आत्मा और मन को शांति देने वाला स्थान भी है।

सिंहद्वार से अंदर कदम रखते समय आपको यह अनुभव होता है कि मंदिर एक प्रकार से हर व्यक्ति को शुद्ध करने का कार्य करता है। चाहे आप कितनी भी चिंता लेकर आए हों या बाहरी दुनिया की कितनी भी नकारात्मकता आपके साथ हो, मंदिर के भीतर आते ही सब कुछ हल्का और शांत अनुभव होता है। यही शक्ति और रहस्य इस मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता है।

Point of View

बल्कि आध्यात्मिक दृष्टिकोण से भी अत्यधिक है। यह स्थान नकारात्मकता को दूर करने और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करने में सक्षम है। इस प्रकार, यह केवल एक पूजा स्थल नहीं है, बल्कि एक ऐसी जगह है जहाँ व्यक्ति अपनी चिंताओं से मुक्त होकर शांति का अनुभव कर सकता है।
NationPress
11/11/2025

Frequently Asked Questions

जगन्नाथ मंदिर की विशेषता क्या है?
जगन्नाथ मंदिर की विशेषता इसकी अद्भुत वास्तुकला, सकारात्मक ऊर्जा और भक्तों को शांति प्रदान करने की क्षमता है।
क्यों मंदिर में प्रवेश करते ही नकारात्मकता गायब हो जाती है?
मंदिर की विशेष ऊर्जा और वास्तुकला इसे बाहरी नकारात्मक प्रभावों से सुरक्षित रखती है।
क्या मंदिर में दर्शन करने से पाप कट जाते हैं?
हाँ, कहा जाता है कि यहाँ सिर्फ दर्शन करने से ही व्यक्ति के पाप कट जाते हैं।