क्या जगदीप धनखड़ का इस्तीफा सभी को स्तब्ध कर गया?

सारांश
Key Takeaways
- जगदीप धनखड़ का इस्तीफा एक चौंकाने वाली घटना है।
- सांसद वीरेंद्र सिंह ने इसे कई सवालों का कारण बताया।
- इस्तीफे का असली कारण अभी स्पष्ट नहीं है।
- भाजपा का शिक्षा के भगवाकरण का मुद्दा भी चर्चा में है।
- मतदाता पुनरीक्षण पर सपा का विपक्ष के साथ खड़ा होना महत्वपूर्ण है।
नई दिल्ली, 22 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी के सांसद वीरेंद्र सिंह ने मंगलवार को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे को अचंभित करने वाला बताया। उन्होंने कहा कि संसद का हर सदस्य आज इस अचानक हुए इस्तीफे से हैरान है, क्योंकि कल तक उन्होंने सदन की कार्यवाही को संचालित किया था। अब उनके इस्तीफे से कई सवाल उठ रहे हैं। लोगों को यह समझ नहीं आ रहा है कि इस्तीफे का असली कारण क्या है?
राष्ट्र प्रेस से बातचीत में सपा सांसद ने दावा किया कि उनके इस्तीफे का कारण स्वास्थ्य नहीं है, बल्कि कुछ और है। आने वाले दिनों में इस्तीफे की असली वजह उजागर होगी और सबको पता चलेगा कि इसके पीछे क्या कारण है।
जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के सोशल मीडिया पोस्ट को सपा सांसद ने ध्यान भटकाने वाला बताया और कहा कि इस इस्तीफे के पीछे अन्य कई कारण हो सकते हैं। संभव है कि भाजपा शिक्षा से जुड़े किसी व्यक्ति को उपराष्ट्रपति के पद की जिम्मेदारी देना चाहती हो। भाजपा अब शिक्षा के भगवाकरण की दिशा में कदम बढ़ा चुकी है। इसी कारण उपराष्ट्रपति की कुर्सी खाली कराई गई है। भाजपा नहीं चाहती कि समाज के निचले तबके के बच्चे शिक्षा से जुड़े, क्योंकि उन्हें पता है कि यदि ये बच्चे शिक्षित होंगे तो भाजपा से सवाल पूछेंगे।
सपा सांसद ने बिहार में चल रहे मतदाता पुनरीक्षण पर कहा कि हम इस मुद्दे पर विपक्ष के साथ खड़े हैं। हम नहीं चाहते कि किसी योग्य मतदाता को मतदाता के अधिकार से वंचित किया जाए। मतदाता पुनरीक्षण के बहाने भाजपा गरीबों को संविधान से मिले अधिकारों से वंचित करना चाहती है।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर सपा सांसद ने कहा कि सवाल यह नहीं है कि इस पर कितने घंटे चर्चा होगी, बल्कि यह है कि क्या प्रधानमंत्री इस पर जवाब