क्या जैसलमेर के बासनपीर जूनी में तनाव के मद्देनजर धारा 163 लागू किया गया?

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क्या जैसलमेर के बासनपीर जूनी में तनाव के मद्देनजर धारा 163 लागू किया गया?

सारांश

जैसलमेर के बासनपीर जूनी में बढ़ते तनाव के मद्देनजर प्रशासन ने धारा 163 लागू की है। सभी धरना-प्रदर्शन पर रोक लगा दी गई है, जिससे शांति व्यवस्था बनाए रखी जा सके। जानिए इस आदेश के पीछे की कहानी और इसके प्रभाव।

Key Takeaways

  • जैसलमेर के बासनपीर जूनी में तनाव के मद्देनजर धारा 163 लागू।
  • धरना-प्रदर्शन, रैली और सभा पर रोक।
  • सिख समुदाय को कृपाण रखने की छूट।
  • नियमों का उल्लंघन करने पर कार्रवाई का प्रावधान।
  • शांति व्यवस्था बनाए रखने का प्रयास।

जैसलमेर, 16 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। जैसलमेर के बासनपीर जूनी क्षेत्र में संभावित अशांति को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने एहतियातन धारा 163 लागू की है। इस आदेश के तहत सभी प्रकार के धरना-प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। पोस्टर-बैनर लगाने या नारेबाजी करने पर भी रोक है। इस संदर्भ में बुधवार को जैसलमेर के उपखंड मजिस्ट्रेट ने सख्त आदेश जारी किए।

10 जुलाई को बासनपीर में दो समुदायों के बीच विवाद उत्पन्न हुआ था। जिसमें एक स्कूल के पास छतरी निर्माण के दौरान कुछ लोगों ने पथराव किया। आरोप है कि दूसरे समुदाय के लोगों ने महिलाओं का उपयोग करते हुए पथराव किया। इस घटना के चलते क्षेत्र में तनाव पैदा हो गया था।

तनावपूर्ण परिस्थितियों को देखते हुए जिला प्रशासन ने आगे किसी भी विवाद को रोकने के लिए प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है।

जिला प्रशासन ने आशंका जताई है कि बासनपीर जूनी गांव में उत्पन्न तनाव के बीच असामाजिक तत्व कानून और शांति व्यवस्था को भंग करने का प्रयास कर सकते हैं, जिससे नागरिकों की सुरक्षा और शांति को खतरा हो सकता है।

जिला प्रशासन के आदेश में कहा गया है, "बासनपीर जूनी की सीमा के भीतर कोई भी व्यक्ति सार्वजनिक स्थलों पर हथियार लेकर नहीं घूमेगा। इसके अलावा, बिना सक्षम अनुमति के किसी भी प्रकार की सभा, रैली, जुलूस और प्रदर्शन नहीं होंगे। सिख समुदाय के व्यक्तियों को अपनी धार्मिक परंपरा के अनुसार कृपाण रखने की अनुमति दी जाएगी।"

आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है, "कोई भी व्यक्ति साम्प्रदायिक सद्भावना को ठेस पहुंचाने वाले नारे नहीं लगाएगा और न ही इस प्रकार का भाषण देगा। बिना पूर्व अनुमति के लाउडस्पीकर का उपयोग भी नहीं किया जाएगा। किसी भी स्थान पर एक समय में 5 या 5 से अधिक व्यक्ति एकत्रित नहीं रहेंगे।"

जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई व्यक्ति इन नियमों का उल्लंघन करेगा तो उसे भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 के अंतर्गत अभियोग चलाए जा सकते हैं।

Point of View

इस तरह के आदेशों से जनभावनाओं पर असर पड़ सकता है। समाज में सामंजस्य बनाए रखना जरूरी है, और सभी पक्षों को संयम से काम लेना चाहिए।
NationPress
21/07/2025

Frequently Asked Questions

धारा 163 लागू होने का क्या अर्थ है?
धारा 163 लागू करने का मतलब है कि क्षेत्र में सभी प्रकार के धरना-प्रदर्शन, रैली और सभा पर रोक लगा दी गई है ताकि शांति व्यवस्था को बनाए रखा जा सके।
क्या इस आदेश का उल्लंघन करने पर सजा होगी?
हाँ, यदि कोई व्यक्ति इस आदेश का उल्लंघन करता है, तो उसे भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 के अंतर्गत अभियोग चलाए जा सकते हैं।
क्या सिख समुदाय को कोई विशेष छूट है?
हाँ, सिख समुदाय के व्यक्तियों को उनकी धार्मिक परंपरा के अनुसार कृपाण रखने की अनुमति दी गई है।
क्या इस आदेश से क्षेत्र की स्थिति में सुधार होगा?
आदेश का उद्देश्य शांति बनाए रखना है, लेकिन इसका प्रभाव क्षेत्र की स्थिति पर निर्भर करेगा। सभी पक्षों को संयम से काम लेना चाहिए।
क्या नियमों का उल्लंघन करने पर तुरंत कार्रवाई होगी?
हाँ, नियमों का उल्लंघन करने पर प्रशासन त्वरित कार्रवाई कर सकता है।