क्या योगी सरकार बच्चों को डायरिया से सुरक्षित रखने के लिए सक्रिय है?

सारांश
Key Takeaways
- डायरिया से बच्चों को सुरक्षित रखने का अभियान चल रहा है।
- ओआरएस और जिंक का उपयोग महत्वपूर्ण है।
- स्वच्छता और सुरक्षित पेयजल पर ध्यान देना आवश्यक है।
- बच्चों को समय पर टीका लगवाना चाहिए।
- सामुदायिक जागरूकता से समस्या का समाधान संभव है।
लखनऊ, 21 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। योगी सरकार की प्राथमिकता है कि शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चों को डायरिया से सुरक्षित रखा जाए। इसके लिए पूरे प्रदेश में 'डायरिया रोको' अभियान (स्टॉप डायरिया कैम्पेन) चलाया जा रहा है। 31 जुलाई तक चलने वाले इस अभियान के तहत विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से डायरिया के प्रति जन जागरूकता फैलाने का प्रयास किया जा रहा है।
इस अभियान में डायरिया से बचाव, उसके कारण, रोकथाम और उपचार से संबंधित संदेशों वाले पोस्टर-बैनर और आडियो/वीडियो से सुसज्जित वाहन मोहल्लों में पहुँच रहे हैं। स्कूली बच्चों के बीच प्रतियोगिताएं आयोजित कर जागरूकता के संदेश जन-जन तक पहुँचाए जा रहे हैं। ओआरएस और जिंक कार्नर भी बनाए गए हैं, जिससे लोगों को इनकी महत्ता समझाई जा रही है।
योगी सरकार द्वारा चलाए जा रहे स्टॉप डायरिया कैंपेन की इस साल की थीम है- 'डायरिया की रोकथाम, सफाई और ओआरएस से रखें अपना ध्यान'। इसका उद्देश्य बच्चों में डायरिया के प्रति जागरूकता फैलाना और ओआरएस व जिंक के उपयोग को बढ़ावा देना है। इसके तहत विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं, जिसमें स्वयंसेवी संस्थाएं भी सक्रिय भूमिका निभा रही हैं।
सीएम योगी के निर्देश पर, पीएसआई इंडिया ने प्रदेश के कई जिलों में डायरिया की रोकथाम के लिए कार्यक्रम शुरू किया है। इसके अंतर्गत स्वास्थ्य केंद्रों पर ओआरएस और जिंक कार्नर बनाए गए हैं। प्रचार वाहन भी लोगों को डायरिया के लक्षणों, कारणों और बचाव के बारे में जागरूक कर रहे हैं।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की निदेशक डॉ. पिंकी जोवल ने बताया कि डायरिया आज भी देश में एक महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या है। इसका मुख्य कारण है सुरक्षित पेयजल की कमी और स्वच्छता का अभाव। ओआरएस और जिंक का उपयोग इसके उपचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर, हर साल डायरिया रोको अभियान चलाया जाता है। इस साल भी यह अभियान 16 जून से 31 जुलाई तक चलाया जा रहा है।
डॉ. मिलिंद वर्धन का कहना है कि डायरिया से होने वाली मौतों की रोकथाम संभव है। बच्चों को ओआरएस का घोल तुरंत देना चाहिए और उन्हें जिंक टेबलेट्स भी देने चाहिए।
पीएसआई इंडिया के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर मुकेश शर्मा का कहना है कि बारिश और उमस के दौरान बच्चों को डायरिया के खतरे से बचाने के लिए स्वच्छता पर ध्यान देना आवश्यक है।