क्या जैश-ए-मोहम्मद ने महिला ब्रिगेड बनाई है और सादिया को कमान दी है?

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क्या जैश-ए-मोहम्मद ने महिला ब्रिगेड बनाई है और सादिया को कमान दी है?

सारांश

जैश-ए-मोहम्मद ने अपनी पहली महिला ब्रिगेड ‘जमात-उल-मोमिनात’ स्थापित की है। सादिया अजहर, मसूद अजहर की बहन, को इसका नेतृत्व सौंपा गया है। इस कदम से पाकिस्तान के आतंकी ढांचे में महत्वपूर्ण बदलाव और खतरनाक प्रवृत्तियों का संकेत मिलता है।

Key Takeaways

  • जैश-ए-मोहम्मद ने महिला ब्रिगेड ‘जमात-उल-मोमिनात’ का गठन किया।
  • सादिया अजहर इस ब्रिगेड की कमान संभालेंगी।
  • यह कदम पाकिस्तान के आतंकी ढांचे में एक नया मोड़ है।
  • महिलाओं को आतंकवाद में शामिल करने का यह प्रयास चिंताजनक है।
  • इस बदलाव के पीछे कई रणनीतिक कारण हो सकते हैं।

नई दिल्ली, 9 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। पाकिस्तान में सक्रिय आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने अपनी रणनीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव करते हुए पहली बार एक महिला आतंकी ब्रिगेड की स्थापना की है।

इस ब्रिगेड का नाम ‘जमात-उल-मोमिनात’ रखा गया है। यह महिला ब्रिगेड कुख्यात आतंकी मसूद अजहर की बहन सादिया अजहर के नेतृत्व में कार्य करेगी। सादिया का पति यूसुफ अजहर ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सुरक्षा बलों की कार्रवाई में मारा गया था। यह ऑपरेशन 7 मई को मरकज सुभानअल्लाह, बहावलपुर में हुआ था।

सुरक्षा विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम पाकिस्तान के आतंकी ढांचे में एक खतरनाक प्रवृत्ति की शुरुआत है। अब तक आईएसआईएस, बोको हराम, हमास और लिट्टे जैसे संगठन महिलाओं को आत्मघाती हमलों और लड़ाकू अभियानों में शामिल करते रहे हैं, लेकिन दक्षिण एशियाई आतंकी संगठनों जैसे जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिद्दीन ने इससे परहेज किया था। इस नई महिला ब्रिगेड के गठन की घोषणा खुद जैश के प्रमुख और संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित वैश्विक आतंकी मौलाना मसूद अजहर के नाम से जारी एक पत्र के माध्यम से की गई।

यह पत्र जैश के प्रचार मंच ‘अल-कलम मीडिया’ पर प्रसारित किया गया है। पत्र में बताया गया है कि 8 अक्टूबर से पाकिस्तान के बहावलपुर स्थित मरकज उस्मान-ओ-अली में इस ब्रिगेड की भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। यह मरकज लंबे समय से जैश का प्रमुख ठिकाना रहा है। रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान, जो पहले से ही दुनिया में आतंकवादियों के लिए सबसे सुरक्षित पनाहगाह माना जाता है, अब एक नया और चिंताजनक मोड़ ले रहा है। यह महिलाओं को आतंकवाद में शामिल कर अपनी आतंकी गतिविधियों का विस्तार करने की साजिश कर रहा है।

खुफिया सूत्रों ने बताया है कि पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठनों ने अब महिलाओं की अलग विंग बनाने का निर्णय लिया है ताकि भर्ती और संचालन का दायरा बढ़ाया जा सके। सूत्रों के अनुसार, ‘जमात-उल-मोमिनात’ में भर्ती के लिए जैश ने अपने कमांडरों की पत्नियों, रिश्तेदार महिलाओं और आर्थिक रूप से कमजोर युवतियों को निशाना बनाया है, जो जैश के धार्मिक शिक्षण केंद्रों में पढ़ाई कर रही हैं। इन केंद्रों में बहावलपुर, कराची, मुझफ्फराबाद, कोटली, हरिपुर और मंसहरा जैसे शहर शामिल हैं। जैश-ए-मोहम्मद अब तक महिलाओं को सशस्त्र जिहाद या लड़ाकू अभियानों से दूर रखता था, लेकिन पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद संगठन ने अपनी विचारधारा में बड़ा बदलाव किया है।

जानकारी के अनुसार, मसूद अजहर और उसका भाई तल्हा अल-सैफ ने मिलकर इस महिला ब्रिगेड के गठन को मंजूरी दी है। यह निर्णय जैश की नई परिचालन संरचना का हिस्सा है। जैश का यह कदम इस बात का संकेत देता है कि वह महिला आत्मघाती दस्तों को प्रशिक्षित कर भविष्य के आतंकी अभियानों में इस्तेमाल करने की योजना बना रहा है। क्षेत्रीय सुरक्षा एजेंसियां इस नई रणनीति को लेकर सतर्क हैं और इसे आतंकी संगठनों की भर्ती एवं कट्टरपंथीकरण प्रक्रिया में चिंताजनक विकास के रूप में देख रही हैं। खुफिया रिपोर्टों के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान में आतंकी ढांचे में बड़ा बदलाव देखा जा रहा है। आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिद्दीन ने अपने प्रशिक्षण और कैंपो को पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में स्थानांतरित करना शुरू कर दिया है।

इनके बाद, पाकिस्तान का सबसे बड़ा राज्य-प्रायोजित और संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकी संगठन, लश्कर-ए-तैयबा, ने भी अपनी प्रमुख प्रशिक्षण और संचालन सुविधाओं को और दूरी पर, यानी खैबर पख्तूनख्वा क्षेत्र में स्थानांतरित कर लिया है। सूत्रों के अनुसार, ये संगठन पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर और पंजाब प्रांत से हटकर यह कदम इसलिए उठा रहे हैं ताकि भविष्य में भारत की सटीक हवाई कार्रवाइयों और प्रिसिशन स्ट्राइक्स से बचा जा सके। यह बदलाव इस बात का स्पष्ट संकेत है कि पाकिस्तान अब भी आतंकी संगठनों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बना हुआ है, और अब वह अपने आतंकी ढांचे को छिपाकर अंतरराष्ट्रीय निगरानी से बचाने की कोशिश कर रहा है।

Point of View

बल्कि यह दर्शाता है कि आतंकवादी संगठन अपनी रणनीतियों को बदलने और महिलाओं को शामिल करने के लिए तैयार हैं। यह एक गंभीर चिंता का विषय है और हमें इसे गंभीरता से लेना चाहिए।
NationPress
09/10/2025

Frequently Asked Questions

जैश-ए-मोहम्मद ने महिला ब्रिगेड क्यों बनाई?
जैश-ए-मोहम्मद ने अपनी गतिविधियों का विस्तार करने और भर्ती को बढ़ाने के लिए पहली बार महिला ब्रिगेड का गठन किया है।
सादिया अजहर कौन हैं?
सादिया अजहर, मसूद अजहर की बहन हैं, जो इस नई महिला ब्रिगेड ‘जमात-उल-मोमिनात’ की कमान संभालेंगी।
यह महिला ब्रिगेड कब स्थापित की गई?
यह महिला ब्रिगेड 8 अक्टूबर से बहावलपुर के मरकज उस्मान-ओ-अली में स्थापित की गई है।
क्या यह पाकिस्तान के आतंकी ढांचे में बड़ा बदलाव है?
हाँ, यह कदम पाकिस्तान में आतंकवादी संगठनों के लिए एक नया और चिंताजनक मोड़ है।
इस महिला ब्रिगेड में कौन शामिल हो सकता है?
इस ब्रिगेड में भर्ती के लिए जैश ने अपने कमांडरों की पत्नियों, रिश्तेदार महिलाओं और आर्थिक रूप से कमजोर युवतियों को निशाना बनाया है।