क्या जलजमनी आयुर्वेद की चमत्कारी औषधि है?
सारांश
Key Takeaways
- जलजमनी कई रोगों के उपचार में उपयोगी है।
- यह प्राकृतिक तत्वों से भरपूर है जो शरीर को ताकत देते हैं।
- सिरदर्द और आंखों की समस्याओं में लाभकारी है।
- गर्भवती महिलाओं को सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।
नई दिल्ली, 15 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। जलजमनी (पातालगरुड़ी) एक औषधीय पौधा है जो बेल की तरह फैलता है। यह विशेष रूप से बरसात के मौसम में नम और छायादार स्थानों पर उगता है। यह भारत के हिमालय की तलहटी, बिहार, बंगाल और पंजाब जैसे गर्म और नम क्षेत्रों में प्रचुरता से पाया जाता है। इसकी एक अनोखी विशेषता यह है कि इसके पत्तों को पानी में मिलाने पर वह जेली जैसा गाढ़ा हो जाता है, इसलिए इसे जलजमनी कहा जाता है।
आयुर्वेद में इसके पत्तों और जड़ों का उपयोग कई रोगों के उपचार में किया जाता है। इसका स्वाद थोड़ा कड़वा होता है, लेकिन इसके प्राकृतिक तत्व शरीर में कफ-पित्त के संतुलन में सहायता करते हैं। इसके पत्तों और जड़ों में पाए जाने वाले कुछ तत्व तनाव कम करने, शरीर को ऊर्जा प्रदान करने और रक्त साफ करने में सहायक माने जाते हैं।
जलजमनी का पारंपरिक औषधियों में महत्वपूर्ण स्थान है। सिरदर्द होने पर इसके पत्तों या जड़ का लेप लाभकारी होता है। आंखों की समस्याओं जैसे रतौंधी या सूजन में इसके पत्तों के रस का उपयोग किया जाता है। दांतों के दर्द में इसके पत्तों का पेस्ट राहत प्रदान करता है।
पाचन समस्याएं, दस्त या अजीर्ण होने पर इसकी जड़ का हल्का चूर्ण उपयोगी होता है। महिलाओं में श्वेत प्रदर (व्हाइट डिस्चार्ज) और मासिक धर्म की अनियमितता में पत्तों का काढ़ा काम में लाया जाता है। वहीं, पुरुषों में स्वप्नदोष या गोनोरिया जैसे संक्रमणों के लिए इसके रस का पारंपरिक रूप से उपयोग किया जाता है।
गठिया, जोड़ों के दर्द और सूजन में इसके पत्तों का लेप किया जाता है। त्वचा रोगों जैसे खुजली, घाव या जलन में भी इसका रस उपयोगी है।
पारंपरिक मान्यता के अनुसार, इसकी जड़ का उपयोग सांप के काटने के मामले में भी किया जाता है। हालांकि, ऐसे मामलों में आधुनिक चिकित्सा की आवश्यकता अवश्य होती है।
जलजमनी एक प्राकृतिक जड़ी-बूटी है, हालाँकि, इसकी मात्रा का ध्यान रखना आवश्यक है। अधिक मात्रा में सेवन करने से उल्टी जैसी समस्याएँ हो सकती हैं। गर्भवती महिलाएं, बच्चे या गंभीर रोगों से ग्रस्त लोग बिना विशेषज्ञ की सलाह के इसका सेवन न करें।