क्या एएनटीएफ जम्मू-कश्मीर ने दिल्ली की फार्मा फर्म के मालिक को एनडीपीएस मामलों में गिरफ्तार किया?
सारांश
Key Takeaways
- जतिश बब्बर की गिरफ्तारी नशीले पदार्थों के खिलाफ कार्रवाई का एक महत्वपूर्ण कदम है।
- एएनटीएफ ने ड्रग तस्करी के खिलाफ एक सख्त संदेश भेजा है।
- फार्मा कंपनियों का दुरुपयोग नशीले पदार्थों की तस्करी का नया ट्रेंड है।
- इस गिरफ्तारी से युवाओं को नशे से बचाने में मदद मिलेगी।
- जम्मू-कश्मीर पुलिस नशीले पदार्थों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति पर काम कर रही है।
जम्मू, 18 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। जम्मू-कश्मीर में नशीले पदार्थों की तस्करी पर नियंत्रण पाने की दिशा में एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) को एक महत्वपूर्ण सफलता मिली है। एएनटीएफ ने दक्षिण दिल्ली के निवासी जतिश बब्बर (पुत्र हरीश बब्बर) को गिरफ्तार किया है, जो साक्षी फार्मा नामक फार्मास्युटिकल कंपनी का मालिक है।
आरोपी एक प्रसिद्ध ड्रग तस्कर है और पुलिस स्टेशन एएनटीएफ जम्मू में दर्ज तीन अलग-अलग एनडीपीएस मामलों में वांछित था। आरोपी एफआईआर नंबर 45/2020, एफआईआर नंबर 04/2021 और एफआईआर नंबर 06/2021 में वांछित था। सभी मामले एनडीपीएस अधिनियम की धारा 8/21/22/29 के तहत दर्ज हैं, जो नशीले पदार्थों की बिक्री, परिवहन, साजिश और संबंधित अपराधों से संबंधित हैं।
प्रारंभिक जांच में पता चला है कि जतिश बब्बर ने अपनी फार्मा कंपनी के मालिक होने का दुरुपयोग करते हुए मनोदैहिक (साइकोट्रोपिक) पदार्थों की अवैध खरीद और आपूर्ति की। वह एक बड़े इंटर-स्टेट ड्रग ट्रैफिकिंग नेटवर्क का महत्वपूर्ण हिस्सा था।
एएनटीएफ की टीम ने खुफिया जानकारी और तकनीकी निगरानी के आधार पर आरोपी को सही समय पर गिरफ्तार किया। आगे की जांच में नेटवर्क के फॉरवर्ड और बैकवर्ड लिंक्स का पता लगाया जा रहा है, जिसमें अन्य राज्यों से जुड़े तस्कर और सप्लायर्स शामिल हो सकते हैं। जम्मू-कश्मीर में नशीले पदार्थों की बढ़ती समस्या को ध्यान में रखते हुए यह गिरफ्तारी महत्वपूर्ण है, क्योंकि क्षेत्र में ड्रग तस्करी अक्सर आतंकवाद से जुड़ी होती है।
एएनटीएफ अधिकारियों ने बताया कि फार्मा कंपनियों का दुरुपयोग करके नशीले पदार्थों की तस्करी नए ट्रेंड के रूप में उभरी है। ऐसे मामलों में कानूनी दस्तावेजों का उपयोग कर अवैध सप्लाई की जाती है। इस गिरफ्तारी से नेटवर्क को बड़ा झटका लगा है और युवाओं को नशे से बचाने की दिशा में यह एक मजबूत कदम है। आरोपी को अदालत में पेश किया जाएगा और सख्त सजा की मांग की जाएगी। जम्मू-कश्मीर पुलिस लगातार नशीले पदार्थों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति पर काम कर रही है।