क्या जम्मू-कश्मीर शांति की ओर बढ़ रहा है? पहलगाम हमले के आतंकवादी जल्द पकड़े जाएंगे: मनोज सिन्हा

सारांश
Key Takeaways
- कश्मीर में शांति भंग के प्रयास विफल होंगे।
- पहलगाम हमले के आतंकियों की पहचान हो चुकी है।
- स्थानीय प्रशासन के प्रयासों से विकास की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं।
- धारा 370 हटने के बाद जम्मू कश्मीर में परिवर्तन आया है।
- गांधी स्मृति में कला और संस्कृति को बढ़ावा दिया जा रहा है।
नई दिल्ली, 17 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि कश्मीर घाटी में शांति भंग करने का कोई भी प्रयास सफल नहीं होने दिया जाएगा। पहलगाम हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से पाकिस्तान को ठोस जवाब दिया गया है। हमले में शामिल आतंकियों की पहचान की जा चुकी है और उन्हें जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा।
मनोज सिन्हा ने कहा कि जम्मू कश्मीर शांति के मार्ग पर चल रहा है। स्थानीय प्रशासन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से हम जम्मू कश्मीर को गांधी के सपनों का राज्य बनाने की दिशा में अग्रसर हैं। सिन्हा ने बुधवार को तीस जनवरी मार्ग स्थित गांधी स्मृति में 'जम्मू और कश्मीर शांति की ओर' विषय पर व्याख्यान दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व केंद्रीय मंत्री और गांधी स्मृति के उपाध्यक्ष विजय गोयल ने की। व्याख्यान से पहले उन्होंने गांधी आर्ट गैलरी का उद्घाटन किया।
सिन्हा ने कहा कि 2019 में धारा 370 हटने के बाद जम्मू कश्मीर में कम समय में समावेशी विकास हुआ है। डेढ़ लाख करोड़ से हाईवे का निर्माण किया गया है। 5000 से ज्यादा होटल खोले गए हैं। 1013 नए स्टार्टअप शुरू हुए हैं, जिनमें अधिकांश का नेतृत्व स्थानीय महिलाएं कर रही हैं। कश्मीर तेजी से विकास की ओर बढ़ रहा है। भारत सरकार की सभी योजनाएं कश्मीर के अंतिम व्यक्ति तक पहुंच रही हैं। यहां पर होने वाली पत्थरबाजी अब इतिहास बन चुकी है। घाटी में लोकसभा और विधानसभा के चुनावों में विपक्ष की आशंका के बावजूद कहीं एक गोली नहीं चली। हालांकि, कुछ लोगों को घाटी की यह बदलती हवा पसंद नहीं आ रही, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी की प्रेरणा से राज्य में भेदभाव के बिना सबका साथ और सबका विकास की गाथा लिखी जा रही है।
इस अवसर पर विजय गोयल ने घाटी में शांति बहाली के प्रयासों के लिए मनोज सिन्हा की तारीफ की। उन्होंने कहा कि कश्मीर से धारा 370 की समाप्ति राष्ट्रीय एकता की दिशा में एक ऐतिहासिक और निर्णायक कदम थी, जिससे कश्मीर घाटी, जो वर्षों तक अशांति और अलगाववाद का केंद्र रही, अब शांति, बुनियादी ढांचे, सुशासन, संपर्क, पर्यटन, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं और समग्र विकास में उल्लेखनीय सुधार का साक्षी बन रही है।
गोयल ने गांधी और कश्मीर के रिश्तों का जिक्र करते हुए कहा कि महात्मा गांधी ने दंगों के समय में भी कश्मीर में शांति की प्रशंसा करते हुए कहा था कि जम्मू कश्मीर शांति का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि गांधी स्मृति में हमने गांधी आर्ट गैलरी का शुभारंभ किया है। इसके माध्यम से स्थापित कलाकारों के साथ उभरते हुए कलाकारों को भी कलात्मक अभिव्यक्ति का मंच प्रदान किया जाएगा।