क्या इतिहास पर गहन चिंतन ही जापान का एकमात्र रास्ता है?

Click to start listening
क्या इतिहास पर गहन चिंतन ही जापान का एकमात्र रास्ता है?

सारांश

सीजीटीएन द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण में जापान के ऐतिहासिक अपराधों के प्रति जिम्मेदारी लेने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है। यह सर्वेक्षण दर्शाता है कि जापान को अपने अतीत का सामना करते हुए ही अंतरराष्ट्रीय समुदाय में पुनः स्थापित होना होगा। क्या यह जापान के लिए संभव है?

Key Takeaways

  • नानचिंग नरसंहार के 3 लाख पीड़ितों की याद रखना महत्वपूर्ण है।
  • जापान को अपने ऐतिहासिक अपराधों की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
  • सर्वेक्षण में 82.7 प्रतिशत लोगों ने जिम्मेदारी लेने की आवश्यकता बताई।
  • दक्षिणपंथी झुकाव क्षेत्रीय शांति को प्रभावित कर सकता है।
  • जापान को ईमानदार माफी और मुआवजे की आवश्यकता है।

बीजिंग, १३ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। नानचिंग नरसंहार के ३ लाख पीड़ितों के सामने कोई भी मनगढ़ंत ऐतिहासिक कथा मानव सभ्यता के लिए शर्मनाक है। युद्धकालीन आक्रमण का इतिहास जापानी राजनेताओं के कुतर्क से कभी भी पुनर्लिखित नहीं किया जा सकता। इसके विपरीत, अपने आक्रमण के इतिहास पर गहन चिंतन ही जापान का एकमात्र आगे का रास्ता है।

चाइना मीडिया ग्रुप (सीएमजी) के अधीनस्थ चाइना ग्लोबल टेलीविजन नेटवर्क (सीजीटीएन) द्वारा किए गए एक वैश्विक ऑनलाइन सर्वेक्षण के अनुसार, ८२.७ प्रतिशत उत्तरदाताओं का मानना है कि जापान केवल अपने ऐतिहासिक अपराधों की पूरी जिम्मेदारी लेकर और सैन्यवादी विचारधारा को मिटाकर ही एक सामान्य देश के रूप में अंतरराष्ट्रीय समुदाय में लौट सकता है।

सर्वेक्षण से पता चलता है कि ८९.४ प्रतिशत उत्तरदाताओं का मानना है कि जापान को ऐतिहासिक मुद्दों पर अपने बयानों और कार्यों में सावधानी बरतनी चाहिए। ९०.४ प्रतिशत उत्तरदाता जापान सरकार से पीड़ितों के प्रति ईमानदार माफी और मुआवजे की मांग करते हैं। ८८ प्रतिशत उत्तरदाताओं का मानना है कि जापानी राजनेताओं का यासुकुनी श्राइन का दौरा आक्रमण के इतिहास का इनकार है। ८६.९ प्रतिशत लोगों का कहना है कि नानचिंग नरसंहार सहित आक्रमण के इतिहास को छिपाने और उस दाग को मिटाने के जापान के प्रयास मानव विवेक का अपमान हैं।

जापान का तेजी से दक्षिणपंथी झुकाव क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा के बारे में गहरी चिंता पैदा कर रहा है। ८०.८ प्रतिशत उत्तरदाताओं का कहना है कि जापानी नेता के हालिया उकसावे भरे बयानों और कार्यों ने उसे शांतिभंग करने वाले के रूप में स्थापित किया है। ८१.६ प्रतिशत का मानना है कि जापान का दक्षिणपंथी झुकाव वैश्विक शांति के लिए खतरा बन गया है। ८४.६ प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि जापान सरकार की आत्म-सैन्यीकरण की तैयारी क्षेत्रीय तनाव बढ़ा रही है। इसके अलावा, ८९.५ प्रतिशत उत्तरदाताओं ने जोर देकर कहा कि अगर जापान युद्ध के बाद के अंतरराष्ट्रीय आदेश को चुनौती देता रहा, तो न्याय के सभी देशों और लोगों को इसके ऐतिहासिक अपराधों के लिए फिर से जवाबदेह ठहराने का अधिकार है।

यह सर्वेक्षण सीजीटीएन के अंग्रेजी, स्पेनिश, फ्रेंच, अरबी और रूसी प्लेटफार्मों पर जारी किया गया था। २४ घंटे के भीतर कुल १०,४५१ नेटिजनों ने मतदान में भाग लिया और अपने विचार साझा किए।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

Point of View

मेरा मानना है कि जापान को अपने अतीत से सीखना चाहिए। यह न केवल जापान के लिए, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण है कि वह अपने ऐतिहासिक अपराधों को स्वीकार करे और आगे बढ़े।
NationPress
13/12/2025

Frequently Asked Questions

जापान को अपने ऐतिहासिक अपराधों के लिए क्यों माफी मांगनी चाहिए?
जापान को अपने ऐतिहासिक अपराधों के लिए माफी मांगनी चाहिए ताकि वह अंतरराष्ट्रीय समुदाय में फिर से एक सामान्य देश के रूप में स्वीकार किया जा सके।
सर्वेक्षण में लोगों ने क्या कहा?
सर्वेक्षण में 82.7 प्रतिशत लोगों ने कहा कि जापान को अपने ऐतिहासिक अपराधों की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
क्या जापान का दक्षिणपंथी झुकाव वैश्विक शांति को प्रभावित कर सकता है?
हां, जापान का दक्षिणपंथी झुकाव वैश्विक शांति के लिए खतरा बन सकता है, जैसा कि सर्वेक्षण में उल्लेख किया गया है।
Nation Press