क्या जापान की एलडीपी में नेतृत्व की दौड़ में पांच उम्मीदवार हैं?

सारांश
Key Takeaways
- जापान में एलडीपी के नेतृत्व चुनाव का आरंभ।
- पांच प्रमुख नेताओं की उम्मीदवारी।
- आर्थिक और राजनीतिक मुद्दों पर चुनाव की चर्चा।
- मतदान की प्रक्रिया और तिथियां।
- नए नेता के प्रधानमंत्री बनने की संभावना।
टोक्यो, 22 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। जापान की सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) ने सोमवार को अपने नेतृत्व चुनाव के लिए आधिकारिक रूप से अभियान की शुरुआत की, जिसमें पांच नेता अपनी उम्मीदवारी पेश कर चुके हैं।
उम्मीदवारों में कृषि मंत्री शिंजिरो कोइजुमी, पूर्व आर्थिक सुरक्षा मंत्री ताकायुकी कोबायाशी, साने ताकाइची, मुख्य कैबिनेट सचिव योशिमासा हयाशी और पूर्व एलडीपी महासचिव तोषिमित्सु मोटेगी शामिल हैं।
सिन्हुआ समाचार एजेंसी के अनुसार, ये सभी उम्मीदवार पिछले वर्ष के चुनाव में भी शामिल थे, जिसमें रिकॉर्ड नौ उम्मीदवारों ने भाग लिया था।
यह चुनाव मुख्य रूप से विपक्षी दलों के साथ सहयोग, बढ़ती कीमतों से निपटने के लिए आर्थिक उपायों और हालिया चुनावी हार एवं राजनीतिक फंडिंग घोटालों के बाद पार्टी के पुनर्निर्माण जैसे मुद्दों पर केंद्रित होगा।
टोक्यो स्थित एलडीपी मुख्यालय में स्थानीय समयानुसार सुबह 10 बजे उम्मीदवारों का पंजीकरण प्रारंभ हुआ, जहां प्रत्येक उम्मीदवार के प्रतिनिधि ने 20 अनुशंसित सांसदों की आवश्यक सूची प्रस्तुत की।
उम्मीदवार सोमवार दोपहर पार्टी मुख्यालय में अपने भाषण देंगे, जिसके साथ ही पूर्ण पैमाने पर बहस की आधिकारिक शुरुआत होगी।
राष्ट्रीय प्रसारक एनएचके के अनुसार, इस वर्ष 9,10,000 से अधिक पार्टी सदस्य मतदान में भाग लेंगे।
कुल 590 मतपत्र होंगे, जो डाइट सदस्यों (295) और पार्टी सदस्यों (295) के बीच बराबरी से बंटेंगे। पार्टी सदस्यों के मतपत्रों को 4 अक्टूबर को सांसदों के मतदान से एक दिन पहले अंतिम रूप दिया जाएगा, जिसके बाद नए पार्टी नेता का चुनाव करने के लिए दोनों मतों की गिनती एक साथ की जाएगी।
जापानी प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा ने इस महीने की शुरुआत में एलडीपी प्रमुख पद से इस्तीफे की घोषणा की थी, जिससे पार्टी के भीतर नेतृत्व की होड़ शुरू हो गई है।
एक बार जब एलडीपी का नया अध्यक्ष चुन लिया जाएगा, तो संसद प्रधानमंत्री पद के लिए मतदान करेगी।
हालांकि सत्तारूढ़ गुट संसद के दोनों सदनों में बहुमत हासिल करने में असफल रहा है, लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि नए एलडीपी नेता के देश के अगले प्रधानमंत्री बनने की प्रबल संभावना है क्योंकि एलडीपी अभी भी सबसे बड़ी पार्टी बनी हुई है।